विशुनपुर विश्राम में यूरिया खाद की किल्लत किसान बेहाल अधिकारी खामोश

विशुनपुर विश्राम में यूरिया खाद की किल्लत किसान बेहाल अधिकारी खामोश

निष्पक्ष जन अवलोकन। जनपद बलरामपुर के पचपेड़वा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले बिशनपुर विश्राम गांव में इन दिनों यूरिया खाद की भारी किल्लत से किसान परेशान हैं। धान की रोपाई का समय चल रहा है और किसान अपने खेतों को तैयार करने में जुटे हैं, मगर ज़रूरी यूरिया खाद का अभाव उनकी मेहनत को बर्बाद करने पर आमादा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकारी गोदामों से खाद सीधा नेपाल की ओर भेजा जा रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण खाद की जमकर तस्करी हो रही है। ट्रैक्टर और पिकअप के जरिए यूरिया सीमा पार पहुंच रहा है और स्थानीय किसान हाथ मलते रह जा रहे हैं। जिन दुकानों पर यूरिया उपलब्ध है, वहां भी या तो स्टॉक खत्म है या कालाबाज़ारी चरम पर है। गांव के किसान रामऔतार यादव की आंखों में आंसू थे जब उन्होंने कहा, “हमने उधार लेकर बीज लिया, खेत तैयार किया, अब खाद नहीं है। फसल सूख रही है।” यही हाल अन्य किसानों का भी है। कई बुजुर्ग किसान मजबूरी में खेतों को सूखा छोड़ने पर मजबूर हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि सक्षम अधिकारी इस गंभीर समस्या पर मौन हैं। ना कोई छापेमारी, ना कोई कार्रवाई। खाद गोदामों और वितरण केंद्रों पर ना तो निगरानी है, और ना ही जवाबदेही। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी ने तस्करी को खुली छूट दे रखी है। कृषि प्रधान इस क्षेत्र में यदि किसानों की जरूरतें पूरी नहीं होंगी, तो उनकी उम्मीदें और मेहनत दम तोड़ देगी। सरकार और प्रशासन से किसान मांग कर रहे हैं कि अविलंब उचित कदम उठाए जाएं और तस्करों पर कठोर कार्यवाही हो। अगर अब भी आवाज़ नहीं उठी, तो कल ये खेत खलिहान नहीं, खामोशी की ज़मीन बन जाएंगे। किसान को उसकी खाद दो, ताकि वह फिर से हरियाली उगा सके।