जनपद बलरामपुर चौकाने वाली हकीकत पचपेड़वा की हरिया चंद्रसी गांव में कोटेदार धीरजपाल द्वारा गरीबों का हक मारा जा रहा

जनपद बलरामपुर  चौकाने वाली हकीकत पचपेड़वा की हरिया चंद्रसी गांव में   कोटेदार धीरजपाल  द्वारा गरीबों का  हक मारा जा रहा

निष्पक्ष जन अवलोकन। संवाददाता बदरू जमा चौधरी। जनपद बलरामपुर के विकासखंड पचपेड़वा अंतर्गत ग्राम पंचायत हरिया और चंद्रसी में सरकारी राशन वितरण में बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम के कोटेदार धीरज पाल द्वारा अंत्योदय कार्ड धारकों को मिलने वाला पूरा राशन नहीं दिया जा रहा। यह गंभीर मामला 30 तारीख को एक निष्पक्ष जन अवलोकन रिपोर्ट के माध्यम से उजागर हुआ था, लेकिन अब तक संबंधित अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिली। गांव के कई कार्डधारकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें हर महीने मिलने वाले 35 किलो राशन की जगह केवल 25 से 28 किलो राशन ही दिया जाता है। जो राशन काटा जाता है, उसे कोटेदार कथित रूप से मोटी रकम लेकर बाहर के बाजारों में ऊँचे दाम पर बेच देता है। यह सिर्फ गेहूं और चावल तक सीमित नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों को हर तीन महीने पर दी जाने वाली 1 किलो शक्कर में भी गड़बड़ी की जा रही है। शक्कर की मात्रा घटाकर दी जाती है और साथ ही शक्कर का मूल्य भी अधिक वसूला जा रहा है। गांव के निवासियों का कहना है कि अगर कोई लाभार्थी इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश करता है तो उसे खुलेआम धमकाया जाता है। कोटेदार की दबंगई के कारण गरीबों के पास चुप रहने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचता। हालात ये हैं कि गांव में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सैकड़ों परिवारों को न तो सही मात्रा में अनाज मिल रहा है, न ही शक्कर, और न ही सम्मान। सरकार की योजनाएं भले ही गरीबों के हित में हों, लेकिन जब उनका लाभ सही तरीके से पात्र लोगों तक नहीं पहुँचता, तो यह सोचने की बात है कि गलती कहाँ है? क्या जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं या फिर कहीं न कहीं मिलीभगत का खेल चल रहा है?