प्रकृति की संरचना में की जा रही छेड़छाड़ के चलते पर्यावरण हो रहा असंतुलित :-प्रशांत जैन

निष्पक्ष जन अवलोकन

प्रकृति की संरचना में की जा रही छेड़छाड़ के चलते पर्यावरण हो रहा असंतुलित :-प्रशांत जैन

निष्पक्ष जन अवलोकन। प्रशान्त जैन। विश्व पृथ्वी दिवस पर अधिकाधिक वृक्षारोपण की अपील बिल्सी(बदायूँ):-नगर में विगत कई वर्षों से वृक्षारोपण का कार्य करती आ रही अरिहंत वृक्षारोपण समिति के तत्वावधान में समिति संस्थापक प्रशान्त जैन की अध्यक्षता मे एक गोष्ठी का आयोजन कैम्प कार्यालय पर किया गया ।जिसमें सभी कार्यकर्ताओं ने एक एक पौधा भी लगाया एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने वाले युवाओं को प्रसस्ति पत्र ,मेडल व प्रतीक चिंह देकर सम्मानित किया गया। जिसके तहत आज मनाये जाने वाले विश्व पृथ्वी दिवस पर पदाधिकारियो ने अपने अपने विचार रखे । संस्थापक प्रशान्त जैन ने कहा,की आज दिनोंदिन धरती के तापमान में वृद्धि हो रही है, हिमखंड तेजी से पिघल रहे हैं और समुद्र का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, इससे समूची कुदरत के लिए अस्तित्वका संकट खड़ा हो गया है। प्रकृति की संरचना में की जा रही छेड़छाड़ के चलते वायुमंडल में गैसों का संतुलन बिगड़ गया है। इससे फसल चक्र गड़बड़ाया है, धरती की उर्वरता कम हुई। सबसे चिंता का विषय है कि पारिस्थितिकी चक्र गड़बड़ा गया है, जिस कारण जैव विविधता पर संकट खड़ा हो गया है। आज दुनिया भर में हजारों किस्म के पक्षी, स्तनधारी और कीट-पतंगे या तो विलुप्त हो चुके हैं या फिर विलुप्त होने की कगार पर हैं।इन सभी का एक मात्र उपाय है "वृक्षारोपण" । संरक्षक विष्णु असावा ने पेड़ पौधों को मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बताते हुए कहा,की जब मनुष्य दुनिया छोड कर जाता है तोह उसके अंतिम संस्कार में पेड़ो की लकड़ियों को जलाया जाता है ।इसलिए लोगों को चाहिए की प्रकृति संरक्षण के लिए प्रत्येक मनुष्य को दो-दो वृक्ष अवश्य लगाने चाहिए इस अवसर पर पीयूष वार्ष्णेय,अनुज वार्ष्णेय,देव ठाकुर, वंश गिरी ,ओजस्वी जौहरीआदि मौजूद रहे ।