निष्पक्ष जन अवलोकन राहुल शर्मा मुखारविंद मंदिर के गर्भ ग्रह में अंदर जाने वाले दरवाजों को किया बेरीकैट मंदिर सेवायतों ने जताया विरोध । गोवर्धन।। गोवर्धन में चल रहे विश्व प्रसिद्ध गुरु पूर्णिमा मेले में एक रोचक मोड तब आ गया जब मुख्य चौदस की रात को प्रशासन ने मानसी गंगा किनारे स्थित मुकुट मुखारविंद मंदिर के मुख्य गर्भ ग्रह की दरवाजों को बेरीकेट कर बंद कर दिया गया। मंदिर सेवायतों ने इसका विरोध किया। लेकिन प्रशासन अपनी जिद पर अड़ा रहा और सुरक्षा कारणों का हवाला देकर श्रद्धालुओं को गर्भ ग्रह के अंदर जाने से रोक दिया। आपको बताते चलें कि जतीपुरा मुखारविंद मंदिर के बाद में गोवर्धन के मुकुट मुखारविंद मंदिर पर सबसे अधिक दूध प्रसाद गिरिराज जी पर चढ़ाया जाता है लेकिन चौदस की रात में जब भक्तों को गर्भ ग्रह के अंदर नहीं जाने दिया गया तो श्रद्धालु मायूस होकर वापस लौटते हुए नजर आए श्रद्धालुओं ने बताया कि जब अपने आराध्य को हम दूध प्रसाद अर्पण नहीं कर सकतेतो मात्र दर्शन का क्या लाभ है वही सेवायतों ने विरोध जताते हुए कहा कि मंदिर का गर्भ ग्रह बंद कराये जाने से करोड़ों रुपए के ठेके में भी बेहद नुकसान जाने की संभावना है। प्रशासन को ऐसा नहीं करना चाहिए था वही जब इस विषय में मंदिर रिसीवर कपिल चतुर्वेदी को फोन मिलाया गया तो उन्होंने बताया कि भीड़ के दबाव के चलते प्रशासन द्वारा गर्भ ग्रह के गेट पर बेरिकेट लगाकर श्रद्धालुओं को बाहर से ही दर्शन करने की अनुमति दी गई थी सुरक्षा कारणों के चलते मंदिर के गर्भ ग्रह गेट को बंद कराया गया था लेकिन श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन करने या घूमने से कोई मनाही नहीं की गई थी लेकिन सोचने वाली बात है कि जब श्रद्धालु अपने भगवान को दूध प्रसाद अर्पित नहीं कर पाएंगे और मायूस होकर वापस जाएंगे तो गुरु पूर्णिमा मेला की क्या छवि लोगों के बीच जाएगी।