खेत बंजर होने की कगार पर, खाद के लिए तरसे किसान

निष्पक्ष जन अवलोकन।
अंकित तिवारी।
कानपुर देहात के मुंगीसापुर के पास सहकारी समिति पर किसानों ने लगाया पक्षपात का आरोप, सुबह से लगी लंबी कतारें खाद तो नहीं मिली, निराशा मिली कानपुर देहात में किसानों को खाद की किल्लत ने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। पूरे ज़िले में अन्यदाता खाद के दाने दाने के लिए मोहताज हैं औढेरीगांव रोड पर स्थित सहकारी समिति की सरकारी दुकान पर सुबह सात बजे से ही किसानों की लंबी कतारें लग गईं, लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी खाद नहीं मिली। किसानों का कहना है कि अगर समय पर खाद उपलब्ध नहीं कराई गई तो उनकी धान और मक्का समेत अन्य खरीफ फसलें बर्बाद हो सकती हैं। फसल खराब होने से जहां भारी आर्थिक नुकसान होगा, वहीं आने वाले समय में पैदावार पर भी असर पड़ेगा। किसानों ने बताया अगर निजी दुकानों से खरीदते हैं तो 270 वाली खाद की बोरी 500 रुपए की मिल रही हैं लेकिन सरकारी दुकानों पर खाद को टोटा हैं आप तस्वीरों में देख सकते हैं सरकारी दुकान पर सैकड़ों की संख्या में किसान खाद लेने के लिए लाइन में घंटों लगे रहे बड़ी संख्या में किसान होने की वजह से मौके पर पुलिस भी तैनात की गई लेकिन स्थिति उस समय और बिगड़ गई जब भारी भीड़ को संभालने में असमर्थ सहकारी समिति के अधिकारी दुकान बंद करके चले गए। किसानों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनके कागज तक कूड़ेदान में फेंक दिए। इससे गुस्साए किसानों ने न केवल नाराजगी जताई बल्कि खाद वितरण में पक्षपात किए जाने का भी आरोप लगाया। स्थानीय किसानों का कहना है कि प्रशासन समय रहते खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं कर पा रहा। इससे गरीब और छोटे किसानों को ज्यादा दिक्कत हो रही है, जबकि कुछ चुनिंदा लोगों को ही खाद मुहैया कराई जा रही है। किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि तत्काल पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाए, अन्यथा फसलें बर्बादी की ओर बढ़ जाएंगी।