रज डेरवा ग्राम पंचायत में फर्जी मास्टर रोल पर बड़ी लापरवाही – जिम्मेदार मौन

रज डेरवा ग्राम पंचायत में फर्जी मास्टर रोल पर बड़ी लापरवाही – जिम्मेदार मौन

प्रशिक्षण कार्यक्रम। जिला पंचायत विकासखंड पचपेड़वा अंतर्गत ग्राम पंचायत में एक और प्रेमी युगल मामला सामने आया है, जहां 6 मास्टर रोल पर 49 ईसाइयों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई जा रही है, जबकि आधार पर कार्यकर्ता नदारद रहते हैं। यह गंभीर फर्जी फर्मों की सीधी सरकार की दुकान व्यवस्था और गरीब बिल्डरों का हक पर कुठाराघाट है। बिटकॉइन से मिली जानकारी के अनुसार, यहां काम की जगह फोटो से फोटो खींचकर उपस्थिति दर्ज की जाती है। मजदूरों की मेहनत का पैसा सिर्फ कागजों और मोबाइल उपकरणों पर दिखाया जा रहा है। 14 अगस्त को "निष्पक्ष जन प्रवचन" में यह खबर प्रमुखता से प्रकाशित भी हुई थी, लेकिन अधिकारियों की गिरफ्तारी तक नहीं रेंगी। रिवाल्वर ने बताया कि मजदूर रोज़गार के लिए डर-डर भटक रहे हैं, जबकि मास्टर रोल में उनका नाम और उपस्थिति दर्ज कर भुगतान उठाया जा रहा है। यह केवल शासन की परिभाषा के साथ नहीं है, बल्कि गरीबों के हक पर डाका डाला गया है। जब इस संबंध में पत्रकार ने पचपेड़वा के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) मोहित साहू से दूरभाष पर संपर्क करने की कोशिश की, तो घंटी बजने के बाद कॉल कट गई और कोई भी जवाब नहीं मिला। अधिकारी का यह अभिन्न अंग है। अंतिम प्रशासन बंद क्यों है? कारीगरों को किस प्रकार का संरक्षण प्राप्त होता है? स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही उच्च वैज्ञानिक जांच नहीं हुई तो यह गड़बड़ी और भी गहरी बात होगी और सरकार की छवि धूमिल होगी। रिवोल्यूशन ने स्टॉक एक्सचेंज से मांग की है कि इस गोदाम की दुकानों की जांच की जाए और जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस पूरे प्रकरण में विकासखंड पचपेड़वा में मनरेगा श्रमिकों की स्थापना पर गहरा सवाल खड़ा किया गया है। सरकार गरीबों को रोजगार देने का दावा करती है, लेकिन गरीबों की जेब भर रही है। अगर समय रहते इस फर्जीवाड़े पर रोक नहीं लगी तो मेहनतकश मजदूरों का विश्वास पूरी तरह से टूट जाएगा और मंजूरी की पुष्टि भी हो जाएगी।