आखिरकार कब तक चलता रहेगा विकास योजनाओं में प्रतिशत का खेल धरातल पर विकास योजनाओं की जमीनी जांच हो तो हकीकत मालूम हो जाएगी

आखिरकार कब तक चलता रहेगा विकास योजनाओं में प्रतिशत का खेल   धरातल पर विकास योजनाओं की जमीनी जांच हो तो हकीकत मालूम हो जाएगी

निष्पक्ष जन अवलोकन। अर्पित कुमार त्रिवेदी। आखिरकार कब तक चलता रहेगा विकास योजनाओं में प्रतिशत का खेल धरातल पर विकास योजनाओं की जमीनी जांच हो तो हकीकत मालूम हो जाएगी हरगांव सीतापुर--- प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश कि विकास योजनाओं को घरातल पर उतारा जाय। लेकिन हकीकत क्या है इससे किनारा नहीं किया जा सकता है। ग्राम स्तर पर योजनाओं में कितनी गुणवत्ता होती है। यह भी प्रश्न लाजिमी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीतापुर जनपद के विकास खण्ड हरगांव में कराए गए विकास कार्यों को अगर धरातल स्तर पर देख लिया जाए। तो कलई खुल जाएगी। प्रतिशत का खेल जो चल ही रहा है। उससे योजनाएं कितनी प्रभावित हो रही हैं।आपको बताते चलें कि खंड विकास अधिकारी हरगांव की बातें अब गलियों में होने लगी है। कि बीडीओ साहब के कार्यकाल के दौरान जिस तरीके विकास योजनाएं संचालित की जा रही है। उनमें बड़ा झोल किया जा रहा है। कार्यदाई संस्थाओं द्वारा कार्य किया जा रहा हो या फिर ग्राम पंचायत के माध्यम से विकास योजनाएं संचालित हो रही हों मगर उसमें भी भ्रष्टाचार का खेल चारों तरफ दिखाई दे रहा है। लेकिन अगर गलती से इसकी शिकायत भी कर दी जाती है। तो उसी पर कार्यवाही कितनी अमल में लाई जाती है। यह सरेराह सभी को मालूम है। इस पर प्रश्न उठता है कि आखिरकार जब इस तरीके से गुणवत्ताहीन कार्य होता है। तो उस पर कार्यवाही क्यों नहीं होती है। जन चर्चा से पता चलता है कि बीडीओ साहब के वहां तक खर्चा पहुंच रहा है? तभी तो विकास योजनाओं को प्रभावित किया जाता है।सूत्रों ने बताया कि छोटी सी बात है कि अगर किसी इंटरलॉकिंग के गुणवत्ता परक की जांच कर ली जाए। तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। तो वहीं किसी भी खड़जे के ऊपर जांच कर ली जाए तो क्या है हकीकत। यह पता चल जाएगा। वहीं दूसरी तरफ यह बातें भी हो रही है कि ग्राम पंचायतों में क्या हालात अमृत सरोवरों और अमृत वाटिकाओं के है। यह किसी से छिपा नहीं है।ग्राम पंचायतों में बनी गौशालाओं के क्या हालात है यह भी जगजाहिर है। क्या खंड विकास अधिकारी हरगांव को इस बारे में पता नहीं है या अनजान है। या फिर अनजान होने का सिर्फ दिखावा हो रहा है। इस कार्यकाल में जिस तरीके से कार्य किया जा रहा है है। उसकी गुणवत्ता परक अगर जांच कर ली जाए तो इस बात का खुलासा हो जाएगा। कि बीडीओ साहब के लघु कार्यकाल में गड़बड़ियां जोरों से पैर पसारती जा रही।पूर्व की भांति क्या इनके कार्यकाल में लिफाफा बराबर पहुंचता जा रहा है। काम चाहे जैसा हो, सब ठीक है तो क्या खंड विकास अधिकारी तक विकास योजनाओं में घोटाले का पैसा पहुंच रहा है। अगर नहीं तो बातें जो हो रही है। उसमे क्या सच्चाई है ये भी देखना होगा। यदि घरातल की जांच कर ली जाए तो गुणवत्ता क्या होगी? ये सभी कार्यों में पता चल जाएगा। इस पर क्या जांच होगी परिणाम क्या आएगा यह तो आगे आने वाला समय बताएगा।