जल संरक्षण की दिशा में अनुरागिनी संस्था की अभिनव पहल जालौन में शुरू हुआ पहला भूजल बैंक

जल संरक्षण की दिशा में अनुरागिनी संस्था की अभिनव पहल जालौन में शुरू हुआ पहला भूजल बैंक

निष्पक्ष जन अवलोकन। मनीष सिंह जादौन उरई(जालौन)अनुरागिनी संस्था ने जनपद में एक नई और अनूठी पहल की शुरुआत की है। संस्था द्वारा देश का पहला भूजल बैंक आज 22 जुलाई 2025 को जालौन जिले के विकास भवन परिसर में स्थापित किया गया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप देना और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना है। इस अभिनव पहल का शुभारंभ जनपद के मुख्य विकास अधिकारी कुमदेन्द्र कलाकर सिंह के कर-कमलों से हुआ। उद्घाटन समारोह में कृषि अधिकारी गौरव यादव, उपायुक्त एनआरएलएम महेंद्र प्रसाद चौबे,सहायक आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता अखिलेश वर्मा समाज सेविका विनीता पांडे, एवं सामाजिक संगठन के पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी लोगों ने भूजल बैंक जमा पर्ची भरकर जल संरक्षण का संकल्प लिया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने कहा केंद्रीय भूजल बोर्ड के अनुसार,पिछले दो दशकों में देश में भूजल स्तर औसतन प्रति वर्ष 30 से 50 सेंटीमीटर तक गिर रहा है। इस स्थिति को देखते हुए भूजल बैंक जैसी पहल सामूहिक जागरूकता और जिम्मेदारी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। संस्था के परियोजना समन्वयक सत्यम मिश्रा ने बताया भूजल बैंक की अवधारणा सरल लेकिन प्रभावी है। जिस प्रकार लोग अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए धन को सुरक्षित रखते हैं उसी प्रकार यह पहल उन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए भूजल सुरक्षित करने के लिए प्रेरित करेगी।नागरिक अपनी जल संरक्षण योजनाओं को एक संकल्प पर्ची के रूप में जमा करेंगे ,जिसमें वे उल्लेख करेंगे कि वे कौन-कौन से कार्य करेंगे, जैसे वर्षा जल संचयन, सोख्ता गड्ढा बनाना, घर में जल अपव्यय रोकना और पौधरोपण करना। यह पर्ची उन्हें उनके दायित्व की याद दिलाने का माध्यम बनेगी। संस्था के कार्यक्रम संयोजक रामकुमार जादौन ने कहा कि संस्था पिछले 28 वर्षों से पर्यावरण एवं जल संरक्षण के क्षेत्र में सक्रिय है। संस्था की यह पहल केवल एक प्रतीकात्मक प्रयास नहीं है, बल्कि इसे जनभागीदारी के माध्यम से सतत आंदोलन में बदलने का लक्ष्य है। भविष्य में ‘भूजल बैंक’ अन्य जिलों में स्थापित किया जायेगा। संस्था के राहुल समाधिया,श्याम करण प्रजापति,नितिन कुमार सैनी एवं प्रदुम्न सिंह ने उपस्थित नागरिकों को इस पहल की विशेषताओं से अवगत कराया। उन्होंने भूजल संरक्षण के महत्व को विस्तार से समझाया और सभी से आह्वान किया कि वे इस मुहिम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।