त्रितकुलिया माइनर सूखी किसान बेहाल खेत सुखे रोपाई आधार में

निष्पक्ष जन अवलोकन। संवाददाता बदरूजमा चौधरी । जनपद बलरामपुर के विकासखंड पचपेड़वा अंतर्गत त्रिकुलिया माइनर की हालत दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। बरगदही, सिसहानियां सहित कई गांवों के किसानों के खेत सूख चुके हैं। नहर में महीनों से पानी नहीं आ रहा, जिससे सैकड़ों किसान बेहद परेशान हैं। धान की रोपाई का समय निकल रहा है लेकिन खेतों में दरारें पड़ चुकी हैं। बारिश नहीं हुई और नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया तो इस बार खेती पूरी तरह चौपट हो सकती है। ग्रामीणों ने उठाई आवाज, विभाग बेखबर स्थानीय किसान मुजीबुल्लाह, पप्पू, राजकुमार, फारूक, सद्दाम व माजिद ने बताया कि हर साल की तरह इस बार भी सिंचाई विभाग द्वारा नहर में पानी नहीं छोड़ा गया। खेतों में सूखा पड़ा है। खेत जोतकर तैयार कर चुके किसान अब मायूस होकर बैठे हैं। बिजली की आंखमिचौली और डीजल की कीमतें आसमान छूने के कारण नलकूप से भी सिंचाई कर पाना संभव नहीं। दूसरी तरफ से भी उम्मीद टूटी, बारिश भी रूठी किसानों ने दुख जताया कि ऊपर वाला भी रहम नहीं कर रहा। समय पर बारिश नहीं हो रही, और नहर में पानी न आने से दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। जाई चौहान से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन संवाददाता द्वारा दूरभाष पर संपर्क किए जाने पर उनका फोन रिसीव नहीं हो रहा। किसान बोले – “खाली पेट परिवार कैसे पाले?” ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द ही नहर में पानी नहीं छोड़ा गया और बारिश नहीं हुई, तो पूरे क्षेत्र में भुखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। किसान फारूक कहते हैं, "धान की रोपाई ना हो पाई तो फसल कैसे होगी, फसल नहीं होगी तो घर कैसे चलेगा?" सद्दाम व माजिद ने आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग सिर्फ कागजों पर सक्रिय है, जमीनी हकीकत यह है कि नहरों में सालों से पानी नहीं देखा गया। प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग ग्रामीणों व किसानों ने जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग से मांग की है कि तुरंत त्रिकुलिया माइनर की सफाई व मरम्मत कराकर उसमें पानी छोड़ा जाए ताकि किसान अपनी खेती को बचा सकें। यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो ग्रामीणों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है।