जूडी कुइयां चौराहा बना लापरवाह स्वास्थ्य तंत्र का शर्म नाक उदहारण स्काई नर्सिंग होम में भी दर्दनाक घटना होने की इंतजार में हैं जिम्मेदार अधिकारी

निष्पक्ष जन अवलोकन। संवाददाता रोबिना खातून। जनपद बलरामपुर के विकासखंड पचपेड़वा के अंतर्गत आने वाले जूड़ी कुइयां चौराहा आजकल फर्जी नर्सिंग होम के कारण सुर्खियों में है। यहां खुलेआम चल रहे अवैध नर्सिंग होमों में लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। बीते 23 जुलाई को निष्पक्ष जन अवलोकन द्वारा स्काई नर्सिंग होम की गतिविधियों पर खबर प्रकाशित की गई थी, जिसमें स्पष्ट किया गया कि इस नर्सिंग होम में नियमों को ताक पर रखकर इलाज किया जा रहा है। फिर भी जिम्मेदार अधिकारी गहरी नींद में सोए हुए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, स्काई नर्सिंग होम में आए दिन गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के नाम पर इलाज किया जा रहा है, लेकिन वहां कोई पंजीकृत चिकित्सक या प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। बिना लाइसेंस, बिना जांच, बिना उपकरणों के यह नर्सिंग होम सिर्फ और सिर्फ मानव जीवन से खिलवाड़ कर रहा है। हाल ही में एक चाचा अपनी गर्भवती भतीजी को लेकर यहां पहुंचे थे, जहां डिलीवरी के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की हालत बिगड़ गई। उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन समय पर उचित इलाज न मिलने के कारण बच्चा नहीं बच पाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे कई मामले पहले भी सामने आए हैं, जहां गलत इलाज, लापरवाही और फर्जीवाड़े के कारण गंभीर घटनाएं हुईं, लेकिन आज तक किसी नर्सिंग होम पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। स्काई नर्सिंग होम जैसे संस्थान स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की वजह से पनप रहे हैं। न तो सीएमओ की टीम वहां निरीक्षण के लिए पहुंची, न ही कोई जांच का आदेश जारी हुआ। यह भी चौंकाने वाली बात है कि जब इतनी घटनाएं हो रही हैं, तब भी उक्त नर्सिंग होम में प्रसव जैसे संवेदनशील कार्य बदस्तूर जारी हैं। स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। क्या अधिकारी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं? क्या ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनता की जान की कोई कीमत नहीं? यह न सिर्फ एक प्रशासनिक विफलता है, बल्कि संवेदनहीनता का जीता-जागता उदाहरण भी है। यदि समय रहते इन अवैध नर्सिंग होमों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो जूड़ी कुइयां जैसी जगहों पर मौत का खेल यूं ही चलता रहेगा और गरीब, असहाय जनता इसकी सबसे बड़ी कीमत चुकाती रहेगी। निष्पक्ष जन अवलोकन मांग करता है कि जनपद बलरामपुर के जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी तत्काल प्रभाव से स्काई नर्सिंग होम सहित अन्य अवैध रूप से चल रहे संस्थानों की जांच कराएं और जिम्मेदारों पर कठोर कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में किसी निर्दोष की जान न जाए।