मनरेगा में बड़ा फर्जीवाड़ा मजदूरों कि जगह दिखा सन्नाटा लालपुर भिवंडी की हकीकत उजागर

निष्पक्ष जन अवलोकन। जनपद बलरामपुर के विकासखंड पचपेड़वा अंतर्गत ग्राम पंचायत लालपुर भिवंडी में मनरेगा योजना के अंतर्गत चल रहे कार्यों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। तीन मास्टर रोल पर दर्ज करीब 30 मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति दिखाई जा रही है, लेकिन मौके पर हकीकत बिल्कुल उलट है। सूत्रों के अनुसार, संतोषी के खेत के पास कार्यस्थल पर जब मीडिया टीम पहुंची, तो वहां न तो कोई मजदूर दिखाई दिया और न ही कोई कार्य होता नजर आया। चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। जबकि रिकॉर्ड में वहां पर 30 मजदूरों की नियमित उपस्थिति दर्शाई गई है और मजदूरी की भुगतान प्रक्रिया भी चालू है। यह फर्जीवाड़ा मजदूरों की मेहनत और गरीब जनता के अधिकारों पर सीधा कुठाराघात है। यह ना सिर्फ सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है, बल्कि गरीब तबके को उसके हक से वंचित करने की गंभीर साजिश भी है। मनरेगा जैसी योजनाएं ग्रामीणों को रोजगार देने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई थीं। लेकिन कुछ ग्राम प्रधानों, रोजगार सेवकों और अधिकारियों की मिलीभगत से यह योजना सिर्फ कागजों तक सीमित रह गई है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कई महीनों से कोई भी मनरेगा कार्य नहीं हुआ, फिर भी गांव के नाम पर सरकारी पोर्टल पर लाखों रुपये की मजदूरी दिखाई जा रही है। जब मीडिया ने स्थानीय अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, तो किसी ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इस पूरे मामले में जांच की सख्त जरूरत है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि गरीबों के हिस्से का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़े। यह खबर सिर्फ एक पंचायत की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की कार्यशैली पर सवालिया निशान है। सरकार से मांग की जाती है कि जांच बैठाकर दोषियों पर शीघ्र कार्रवाई की जाए और मनरेगा योजना को सही मायनों में गांव-गरीब के लिए लाभकारी बनाया जाए, ना कि कुछ लोगों के लिए कमाई का जरिया