कलेक्टर की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित वर्षात के पहले नालियो तालाबो की सफाई अभियान चलाकर कराये बाढ़ से प्रभावित होने वाले पुल पुलियों को चिन्हित कर बोर्ड एवं बैरिकेट लगाये

कलेक्टर की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित वर्षात के पहले नालियो तालाबो की सफाई अभियान चलाकर कराये बाढ़ से प्रभावित होने वाले पुल पुलियों को चिन्हित कर बोर्ड एवं बैरिकेट लगाये

निष्पक्ष जाना अवलोकन! सोनू वर्मा! सिंगरौली/ वर्षात के पूर्व ऐसे नाले नालिया एवं तालाब जहा पर जल भराव होने की संभावना बनी रहती है उन्हे चिन्हित कर अभियान चलाकर उनकी साफ सफाई कराये ताकि जल भराव की स्थिति उत्पन्न न होने पाये। साथ ही अधिक वर्षा के कारण बाढ़ से प्रभावित होने वाली पुल पुलिया को चिन्हित कर बोर्ड एवं बैरिकेंट करने की व्यवस्था करे ताकि बाढ़ के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटनाओं को रोका जा सके उक्त आशय का निर्देश कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित आपदा प्रबंधन समिति के बैठक के दौरान कलेक्टर श्री चन्द्र शेखर शुक्ला के द्वारा संबंधित अधिकारियों को दिया गया। विदित हो कि कलेक्टर श्री शुक्ला के अध्यक्षता एवं पुलिस अधीक्षक श्री मनीष खंत्री के गरिमामय उपस्थिति में आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के प्रारंभ में कलेक्टर द्वारा होमगार्ड कमान्डेंट से आपदा प्रबंधन से संबंधित सामंग्रियो के उपलंब्धता की जानकारी लेने के पश्चात निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन से संबंधित सभी समग्रिया स्टोर में उपलंब्ध रहे।जो भी कमिया हो उनसे अवगत कराये ताकि समय पर कमियों को दूर किया जा सके। कलेक्टर ने कहा कि प्रायः 15 जून से मानसून आने की संभावना बनती है इसके पूर्व ऐसे क्षेत्र जो बड़ी नादियो को बाढ़ से प्रभावित हो सकते है उन्हे चिन्हित कर उनकी सूची तैयार करे तथा बाढ़ के दौरान उन्हे जिन स्थलो ठहराया जायेगा ऐसे स्थलो भवनो को भी चिन्हित कर लिया जाये। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिए कि चितरंगी क्षेत्र के ऐसे गाव जो सोन नदी के बाढ़ से प्रभावित होते है उनकी सूची तैयार करले। साथ ही उक्त ग्रामो के सरपंच सचिव, रोजगार सहायक के साथ साथ संबंधित क्षेत्र के पटवारी को मोबाईल नम्बर भी अपने पास रखे। कलेक्टर इस आशय के भी निर्देश दिए कि ऐसे गावो के पंचायतो में अनिवार्य रूप से सूचना प्रदान करने हेतु लाउडस्पीकर अनिवार्य रूप से उपलंब्ध रहे ताकि आपातकालीन स्थिति में लाउडस्पीकर के माध्यम से आम जनता को सूचना प्रदान की जा सके। वही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि वर्षात के मौसम में होने वाले बिमारियो के रोकथाम के लिए सभी उप स्वास्थ्यों केन्द्रो में आवश्यक दवाओ का स्टाक उपलंब्ध रहे। साथ यह सुनिश्चित करे कि सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रो में सर्प दंश की दवा अनिवार्य रूप से उपलंब्ध रहे। कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यात्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देश दिए कि बाढ़ के कारण शुद्ध पेयजल उपलंब्ध कराने के लिए सभी व्यवस्था पूर्ण करे जिसमें क्लोरीन की गोलिया, ब्लिचिंग पाउडर का भण्डारण पर्याप्त रहे तथा जल स्त्रोतो में छिड़काव भी कराये। वही अधीक्षण यंत्री विद्युत को निर्देश दिए कि वर्षात के पूर्व विद्युत लाईनों का मेटिनेश कराले ताकि वर्षात के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना घटित न होने पाये। साथ ही बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रो में कर्मचारियो की तैनाती बनाये रखे। बैठक के दौरान पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने इस आशय के निर्देश दिए कि राजस्व एवं पुलिस की टीम संयुक्त रूप से प्रभावित होने वाले क्षेत्रो का भ्रमण करे। वही औद्योगिक कम्पनियो के द्वारा निर्मित ऐसेडैम का तकनीकी अधिकारियो के साथ परीक्षण कराये कि डैम क्षतिग्रस्त तो नही है या वर्षा के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित नही होगी इसकी एनओसी संबंधित कम्पनियो से प्राप्त करे।यदि कही कोई कमी दिख रही है तो तत्काल उसकी मरम्मत कराये। उन्होने इस आशय के भी निर्देश दिए कि तैराको की सूची के साथ साथ संबंधित क्षेत्र के निवासरत आपदा मित्रो की सूची मोबाइल नम्बर के साथ तैयार कर के रखे ताकि आपाकालीन स्थिति में इनका सहयोग लिया जा सके। पुलिस अधीक्षक ने यह भी निर्देश दिए कि संयुक्त भ्रमण के दौरान यह भी जानकारी ले कि कोई भी शासकीय विद्यालय या भवन जर्जर हालत में तो नही है यदि ऐसे भवन मिलते है तो उनका मरम्मत कराने की कार्यवाही कराये। साथ ही बाढ़ के दौरान पानी निकासी के लिए पर्याप्त जेसीबी मशीनो के साथ साथ मोटर पम्प की व्यवस्था बनाये रखे। बैठक के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह नागेश, अपर कलेक्टर पी.के सेन गुप्ता, एसडीएम सृजन बर्मा, राजेश शुक्ला, नगर निगम आयुक्त डी.के शर्मा, तहसीलदार सविता यादव सहित आपदा प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ साथ अन्य संबंधित अधिकारी व्हीसी के माध्यम से बैठक में उपस्थित रहे।