कलेक्ट्रेट कार्यालय में कंप्यूटरऑपरेटर की नौकरी दिलाने के नाम पर 3.5 लाख की ठगी

कलेक्ट्रेट कार्यालय में कंप्यूटरऑपरेटर की नौकरी दिलाने के नाम पर 3.5 लाख की ठगी

सोनू वर्मा! निष्पक्ष जान अवलोकन! सिंगरौली/ जिले में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का एक संगीन मामला सामने आया है। वार्ड क्रमांक 31, डीएवी स्कूल के पीछे तालाब रोड, घुरीताल निवासी रेशमा खान पत्नी इस्तियाक खान पर आरोप है कि उन्होंने कलेक्ट्रेट कार्यालय में डाटा एंट्री/कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये हड़प लिए। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आवेदक परिवार हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी पचखोरा में निवास करता है। आवेदक की पत्नी वहीं पर एक ब्यूटी पार्लर का संचालन करती है। इसी दौरान रेशमा खान अक्सर वहां ब्यूटी पार्लर कराने जाया करती थी। आपसी जान-पहचान बढ़ने पर जून 2024 में रेशमा खान ने पीड़ित परिवार को भरोसे में लेते हुए कहा कि वह श्रीराम माइक्रो फाइनेंस कंपनी में नौकरी करती है और उसका कलेक्ट्रेट में नियमित आना-जाना रहता है। उसने दावा किया कि उसकी कलेक्टर साहब से गहरी जान-पहचान है और कलेक्ट्रेट कार्यालय में इस समय डाटा एंट्री/कंप्यूटर ऑपरेटर के 35 पद निकले हैं। एक पद की नियुक्ति कराने के एवज में 10,000 रुपये की मांग की गईवी रेशमा खान की बातों पर भरोसा करते हुए आवेदक ने अपने ही नहीं बल्कि अपने कई रिश्तेदारों को भी इस नौकरी का लालच दिया। आरोपिया ने सभी से शैक्षणिक दस्तावेज, आधार कार्ड की छायाप्रति और फोटो एकत्रित करने के साथ ही अपने यूनियन बैंक शाखा वैढ़न स्थित खाते की पासबुक की कॉपी दी और कहा कि जिन-जिन को नौकरी चाहिए, उनका पैसा खाते में भेज दें। इसके बाद आवेदक व उसके रिश्तेदारों से प्रति व्यक्ति 10,000 रुपये की दर से कुल 3,50,000 रुपये 26 जून 2024 से 2 सितंबर 2024 के बीच गूगल पे व बैंक खाते के माध्यम से आरोपिया के खाते में भेज दिए गए। लेकिन पैसे लेने के बाद रेशमा खान लगातार टालमटोल करती रही। कभी कहती कि कलेक्टर साहब व्यस्त हैं, तो कभी बहाना बनाती रही। आखिरकार जब आवेदक ने ज्वाइनिंग लेटर की मांग की तो आरोपिया ने साफ कह दिया कि पैसे देने में देर हो गई है, अब कलेक्टर साहब नियुक्ति नहीं कर रहे। जब पीड़ित ने अपनी रकम वापस मांगी तो आरोपिया ने केवल दो किस्तों में 16 और 18 जनवरी 2025 को मात्र 10-10 हजार रुपये गूगल पे के जरिये लौटाए। शेष राशि लौटाने से साफ इनकार करते हुए धमकी दी कि अगर ज्यादा तकाजा किया तो पुलिस से मिलकर किसी गंभीर अपराध में फंसा देगी, जिससे जमानत भी नहीं होगी और जेल में सड़ना पड़ेगा। पीड़ित ने आरोपिया की इस हरकत से परेशान होकर दिनांक 26 अगस्त 2025 को थाना कोतवाली वैढ़न में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन अब तक कोई ठोस कानूनी कार्यवाही नहीं की गई और न ही बकाया रुपये वापस दिलाए गए। पीड़ित परिवार का कहना है कि अब वह रिश्तेदारों के बीच बदनामी और लगातार पैसों की मांग के दबाव में टूट चुकी है। उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और आरोपिया के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि उन्हें न्याय मिल सके। साथ ही पीड़ित ने आरोपिया द्वारा दिए गए बैंक खाते की पासबुक की छायाप्रति और गूगल पे से किए गए भुगतान की रसीदें भी प्रमाण स्वरूप प्रस्तुत की हैं। यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि आखिर जिले में नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे ऐसे फर्जीवाड़ों पर कब तक लगाम लगेगी? क्या प्रशासन अब जागेगा और पीड़ितों को न्याय दिलाएगा? इनका कहना है। जब इस सम्बन्ध में बैंढन कोतवाली थाना प्रभारी अशोक सिंह परिहार से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम जाँच करवाते हैं और ऐसे मामलों पर हम कड़ी कार्रवाई करेंगे