मनरेगा घोटाले का बड़ा खुलासा ऑनलाइन हाजिरी में धांधली, मैदाने-ए-मौका पर सुनसान कार्यस्थल जिम्मेदारों की भेदभरी भूमिका उजागर
निष्पक्ष जन अवलोकन । संवाददाता रोबिन खातुन । गैसड़ी विकासखंड ( बलरामपुर )के कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा कार्यों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। सरकारी धन की खुली लूट, मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी में हेराफेरी और कार्यस्थलों पर सुनसान माहौल ने सिस्टम में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। निष्पक्ष जन अवलोकन की टीम जब अलग-अलग गांवों में पहुंची तो हकीकत सामने आने लगी। ग्राम पंचायत सोनपुर, भगवानपुर, चौकिया, चौबेपुर और मुतेहारा—इन पांचों पंचायतों में कागजों पर बड़े-बड़े कार्य दिखाए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल उलट है। कहीं कार्यस्थल पर केवल 4 मजदूर मिले, तो कहीं सिर्फ 6। कई स्थानों पर तो पूरा इलाका सुनसान मिला, जबकि ऑनलाइन मास्टर रोल में दर्जनों मजदूरों की उपस्थिति दिखाई जा रही है। यह साफ संकेत देता है कि मजदूरों के नाम पर फर्जी हाजिरी चढ़ाई जा रही है और सरकारी धन की भारी बंदरबांट हो रही है। जब पत्रकारों की टीम ने दूरभाष पर संबंधित अधिकारी बीडीओ गैसड़ी से बात की तो उन्होंने कहा कि “जांच के लिए अधिकारी नियुक्त किया जाएगा”। यही आश्वासन उन्होंने दो बार दोहराया, लेकिन जांच आज तक ठंडी बस्ते में डाल दी गई। 1 दिसंबर को निष्पक्ष जन अवलोकन द्वारा खबर प्रकाशित होने के बावजूद अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। सूत्रों के अनुसार कई जगह मनरेगा जॉब कार्ड फर्जी तरीके से चलाए जा रहे हैं, जिससे मजदूरों को उनका हक मिलने के बजाय फाइलों और सिस्टम में बैठे लोगों की जेब भर रही है।