ग्राम पंचायत भूसहर पुरी में मनरेगा के कार्यों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। गरीब मजदूरों के हक पर खुलेआम डाका डालते हुए यहाँ काम के नाम पर फोटो से फोटो निकालकर फर्जी उपस्थिति दिखाए जाने का चौंकाने वाला मामला उजागर हु आ है।

ग्राम पंचायत भूसहर पुरी में मनरेगा के कार्यों में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। गरीब मजदूरों के हक पर खुलेआम डाका डालते हुए यहाँ काम के नाम पर फोटो से फोटो निकालकर फर्जी उपस्थिति दिखाए जाने का चौंकाने वाला मामला उजागर हु आ है।

निष्पक्ष जन अवलोकन । संवाददाता रोबिन खातून। पचपेडवा विकासखंड बलरामपुर सूत्रों के अनुसार पंचायत में 7 मास्टर रोल पर कुल 48 मजदूरों की ऑनलाइन हाज़िरी दर्ज दिखाई गई, लेकिन जब मीडिया की टीम मौके पर पहुँची तो कार्यस्थल पर एक भी मजदूर मौजूद नहीं मिला। जमीन पर कोई काम नहीं, सिर्फ कागज़ों में चल रहा विकास… यही तस्वीर भूसहर पुरी की हकीकत बनकर सामने आई है। मजदूर बताते हैं कि उन्हें न तो काम मिलता है और न ही हाजिरी की जानकारी। कई मजदूरों के नाम और फोटो बिना बताए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। फोटो कागजों में जोड़कर यह दिखाया जा रहा है कि कार्य लगातार चल रहा है, जबकि धरातल पर सिर्फ खाली जमीन और रुका हुआ काम मिला। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पंचायत स्तर पर बैठे जिम्मेदार लोग मिलकर सरकारी धन की बंदरबांट कर रहे हैं। गरीब, बेसहारा और मजदूरी कर पेट पालने वाले परिवारों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है। मनरेगा जैसी योजना, जो बेरोजगारों के लिए जीवन का सहारा है, उसी को भ्रष्टाचार के तंत्र ने कमजोर कर दिया है। लोगों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो गाँव के विकास कार्य पूरी तरह थम जाएंगे और मजदूरों का भरोसा टूट जाएगा। प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है। भूसहर पुरी की यह सच्चाई दिल को झकझोर देने वाली है—जहाँ गरीबों का पसीना बहने से पहले ही उनकी मजदूरी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रही है।