मनरेगा में बड़ा खुलासा: ग्राम पंचायत प्रेमनगर में मजदूरों के हक पर डाका, 35 मजदूर की फर्जी ऑनलाइन हाजिरी, चार मास्टर रोल भरे लेकिन मैदान में एक भी मजदूर नहीं मिला

मनरेगा में बड़ा खुलासा: ग्राम पंचायत प्रेमनगर में मजदूरों के हक पर डाका, 35 मजदूर की फर्जी ऑनलाइन हाजिरी, चार मास्टर रोल भरे लेकिन मैदान में एक भी मजदूर नहीं मिला

निष्पक्ष जन अवलोकन। विकासखंड तुलसीपुर (बलरामपुर)की ग्राम पंचायत प्रेमनगर में मनरेगा फर्जीवाड़े का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायत में 35 मजदूरों की ऑनलाइन अटेंडेंस चार अलग-अलग मास्टर रोल पर चढ़ा दी गई, जबकि वास्तविकता इसके बिल्कुल उलट निकली। मीडिया की टीम जब मौके पर अचानक निरीक्षण करने पहुंची, तो कार्यस्थल पूरी तरह खाली मिला। न कहीं काम होता दिखा, न कोई मजदूर मौजूद था। इससे साफ है कि मजदूरों के नाम पर केवल फोटो से फोटो लेकर हाज़िरी लगाई जा रही थी। ग्राम पंचायत के प्रधान और सचिव पर गंभीर आरोप लगे हैं कि दोनों की मिलीभगत से सरकारी धन की बंदरबांट खुलेआम की जा रही है। मनरेगा का उद्देश्य था गरीब मजदूरों को काम देकर उनकी आजीविका सुरक्षित करना, लेकिन यहाँ मजदूरों के हक पर खुला डाका डाला जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि मजदूरों को वास्तविक काम नहीं मिल पा रहा, जबकि ऑनलाइन रिकॉर्ड में रोजाना हाजिरी लग रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंचायत स्तर पर कागज़ी काम चल रहा है, जमीन पर कुछ भी नहीं। यह मामला सिर्फ फर्जीवाड़ा नहीं, बल्कि मजदूरों के पेट पर लात मारने जैसा है। ऐसे भ्रष्टाचार से न केवल सरकारी योजनाओं की छवि धूमिल होती है, बल्कि गरीब परिवारों के विश्वास को भी गहरी चोट पहुंचती है। ग्रामीणों ने मांग की है कि इस घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि मजदूरों का हक सुरक्षित रहे और ऐसे मामलों पर रोक लग सके।