विश्व दिव्यांग दिवस पर ‘दिव्य कला मेला’ में गूंजा पूर्वांचल का हुनर
विश्व दिव्यांग दिवस पर लखनऊ में आयोजित दिव्य कला मेला में गोरखपुर की दिव्यांग महिलाओं द्वारा बनाए गए जूट उत्पादों की सराहना। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्टॉलों का अवलोकन किया।
विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा राजधानी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तीन दिवसीय ‘दिव्य कला मेला’ का भव्य आयोजन किया गया। इस मेले का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग जनों की प्रतिभा, कौशल और स्वनिर्भरता को मंच प्रदान करना तथा उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था। प्रदेशभर से आए दिव्यांग कलाकारों, उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों ने अपने उत्पादों और कलाकृतियों का प्रदर्शन किया।
गोरखपुर से पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति (PGSS) ने भी इस आयोजन में सक्रिय भागीदारी निभाई। समिति द्वारा दिव्यांग महिलाओं के समूह को तैयार कर वर्षों से उन्हें हस्तकला, जूट उत्पादन और स्वरोजगार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में दिव्य कला मेला में संस्था द्वारा जूट से निर्मित बैग, होम डेकोर आइटम, उपयोगी घरेलू सामग्री और पर्यावरण अनुकूल उत्पादों का आकर्षक स्टॉल लगाया गया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा।
मेले के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन किया और विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दिव्यांग कलाकारों और उद्यमियों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों की प्रशंसा करते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूहों और संस्थाओं के माध्यम से दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह प्रभावी पहल है। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर से आए PGSS के स्टॉल पर रुककर जूट उत्पादों की गुणवत्ता और डिजाइन की भी सराहना की। उन्होंने उपस्थित दिव्यांग महिलाओं का उत्साहवर्धन किया और कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांग जनों को कौशल विकास और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
इस अवसर पर दिव्यांग जन सशक्तिकरण मंत्री नरेंद्र कश्यप भी माननीय मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे। उन्होंने कार्यक्रम में भाग लेने वाले कलाकारों और संस्थाओं के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल उनके कौशल को प्रदर्शित करने का मंच है बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने का भी माध्यम है।
पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति के स्टॉल पर संस्था के निदेशक फादर शाजी जोसेफ तथा दिव्यांग समूह की सदस्य प्रियंका यादव उपस्थित रहीं। दोनों ने आगंतुकों को जूट उत्पादों के निर्माण, प्रशिक्षण प्रक्रिया और उत्पादों के बाजार से जोड़ने के प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संस्था का उद्देश्य अधिक से अधिक दिव्यांग महिलाओं को रोजगार से जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
दिव्य कला मेला में आए दर्शकों ने गोरखपुर के इन उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई। कई आगंतुकों ने जूट उत्पादों की पर्यावरणीय उपयोगिता और हस्तनिर्मित गुणवत्ता की प्रशंसा की। इस अवसर ने न केवल दिव्यांग महिलाओं के आत्मसम्मान को बढ़ाया, बल्कि उनके उत्पादों के लिए बड़े बाजार के द्वार भी खोले।
मेले का समापन उत्साह और उम्मीदों के साथ हुआ, जहां प्रतिभागियों ने अपनी कला और मेहनत के दम पर आत्मनिर्भरता की ओर एक और मजबूत कदम बढ़ाया।