श्रीमती दिव्या शाही के असामयिक निधन से पूर्वांचल में शोक की लहर, शिक्षा जगत को अपूरणीय क्षति
शिक्षाविद् श्रीमती दिव्या शाही के असामयिक निधन से पूर्वांचल में शोक की लहर। The Pillars School परिवार समेत शिक्षा जगत ने उनके नेतृत्व, विनम्रता और योगदान को अपूरणीय क्षति बताया।
निष्पक्ष जन अवलोकन
विभव पाठक
गोरखपुर। पूर्वांचल के शिक्षा जगत को गहरा आघात पहुंचाते हुए शहर की प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और समाज में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में पहचान रखने वाली श्रीमती दिव्या शाही का असामयिक निधन हो गया। उनके निधन की खबर फैलते ही संपूर्ण पूर्वांचल शोकाकुल हो उठा। शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और समाज के विभिन्न वर्गों में गहरा दुःख व्याप्त है। अनेक लोगों ने इसे शिक्षा क्षेत्र की “अपूरणीय क्षति” बताते हुए कहा कि शाही मैडम का योगदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
दिवंगत श्रीमती दिव्या शाही, The Pillars Public School, Civil Lines और The Pillars, Siktaur की प्रमुख हस्तियों में से थीं। उनके नेतृत्व में इन दोनों संस्थानों ने शिक्षा की गुणवत्ता, अनुशासन, आधुनिक शिक्षण पद्धति और मानवीय मूल्यों के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहचान बनाई। उनके निधन के बाद दोनों परिसरों में शोक की गहरी लहर दौड़ गई। विद्यालय प्रशासन, शिक्षकगण और विद्यार्थीगण ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “शाही मैडम का सौम्य व्यवहार, सादगी, दूरदर्शिता और शिक्षा के प्रति समर्पण ने हमेशा मार्गदर्शन का काम किया है। उनके द्वारा स्थापित मानक और मूल्य सदैव संस्था को दिशा देते रहेंगे।”
शाही परिवार पर भी दुःख का पहाड़ टूट पड़ा है। इस कठिन घड़ी में गोरखपुर के अनेक शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों और शहरवासियों ने परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है। सभी ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है।
श्रीमती शाही की पहचान केवल एक शिक्षाविद् के रूप में ही नहीं, बल्कि एक सहृदय, संवेदनशील और प्रेरक व्यक्तित्व के रूप में भी रही। वे शिक्षा को केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन का मजबूत आधार मानती थीं। उनके नेतृत्व में हजारों विद्यार्थियों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर अपने करियर में महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए। वे शिक्षकों के बीच भी आदर्श नेतृत्व और सहयोगी व्यवहार के लिए लोकप्रिय थीं।
शहर के वरिष्ठ शिक्षकों ने बताया कि दिव्या शाही ने सदैव विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया। वे आधुनिक शिक्षा के साथ भारतीय संस्कारों और मानवीय मूल्यों को जोड़ने की पक्षधर थीं। उनकी वैचारिक स्पष्टता और कार्यशैली उन्हें अन्य शिक्षाविदों से विशिष्ट बनाती थी।
दिवंगत शिक्षाविद् के सम्मान में The Pillars School के दोनों परिसरों में मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। विद्यार्थियों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रबंधन समिति ने इस क्षति को “व्यक्तिगत और संस्थागत, दोनों स्तरों पर अत्यंत भारी” बताया।
गोरखपुर और पूर्वांचल के लोग श्रीमती दिव्या शाही के योगदान को सदैव स्मरण रखेंगे। शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा शुरू किए गए प्रयास भविष्य में भी समाज के लिए प्रेरणा का केंद्र बने रहेंगे। उनके निधन ने जो खालीपन छोड़ा है, उसे भर पाना निश्चय ही कठिन है।