मनरेगा में फर्जीवाड़ा: मज़दूरों का हक़ छीना, मौके पर कोई नहीं मिला

मनरेगा में फर्जीवाड़ा: मज़दूरों का हक़ छीना, मौके पर कोई नहीं मिला

निष्पक्ष जन अवलोकन। जनपद बलरामपुर विकासखंड कौवापुर क्षेत्र में मनरेगा योजना के अंतर्गत गड़बड़ी और फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत ठाकुरपुर में चार मास्टर रोल पर 29 मज़दूरों की ऑनलाइन उपस्थिति दिखाई गई, लेकिन मौके पर एक भी मज़दूर कार्य करता नहीं पाया गया। यही नहीं, ग्राम पंचायत महादेव जमुनी में भी छह मास्टर रोल पर 49 मज़दूरों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज है, जबकि हकीकत यह है कि वहाँ भी एक भी मज़दूर काम करता नहीं मिला। इसी तरह ग्राम पंचायत कोहदौरा में भी मज़दूरों के नाम पर कागज़ी खेल चल रहा है। जब इस मामले में संबंधित अधिकारी वीडियो से बात की गई तो उन्होंने साफ कहा कि "मैं जांच करके कार्रवाई कर रहा हूँ।" लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर कब तक मज़दूरों की मेहनत की कमाई कागज़ पर हड़प ली जाएगी और उन्हें उनके हक से वंचित रखा जाएगा? गाँव के गरीब, मजदूर आज भी पेट पालने के लिए मज़दूरी का सहारा लेते हैं, लेकिन जब उन्हीं के नाम से मास्टर रोल भर दिए जाते हैं और खाते में मजदूरी पहुँचने से पहले ही कोई और डकार जाता है, तो यह उनके साथ दोहरी मार है। मज़दूरों का कहना है कि सरकार ने उनके लिए योजना तो चलाई, लेकिन उस पर लगाम कसने वाले ही बंदरबांट में लगे हैं। नतीजा यह कि उन्हें आज तक मेहनताना नहीं मिला। मजदूरों की आँखों में पीड़ा और दिलों में यह सवाल है कि उनका हक आखिर कब मिलेगा।