मनरेगा में फर्जीवाड़ा : मजदूरों की मेहनत की कमाई हजम, अधिकारी मौन

निष्पक्ष जन अवलोकन। जनपद बलरामपुर विकासखंड गैसड़ी क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा के नाम पर फर्जीवाड़ा धड़ल्ले से चल रहा है। मजदूरों की पसीने की कमाई अफसरों और ग्राम पंचायतों की मिलीभगत से डकार ली जा रही है, जबकि हकदार मजदूर अपनी रोज़ी-रोटी को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। ग्राम पंचायत लक्ष्मी नगर निश्चल डीह में 5 मास्टर रोल पर 32 मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी चढ़ा दी गई, जबकि मौके पर एक भी मजदूर काम करता नहीं मिला। इसी तरह ग्राम पंचायत बेल्हासा में 4 मास्टर रोल पर 31 मजदूरों की अटेंडेंस ऑनलाइन दर्ज है, लेकिन मौके पर एक भी मजदूर नहीं मिला। ग्राम पंचायत चौहत्तर खुर्द में 4 मास्टर रोल पर 40 मजदूरों की ऑनलाइन एंट्री की गई, जबकि मौके पर सिर्फ 3 मजदूर मौजूद पाए गए। ग्राम पंचायत तिलकपुर में 2 मास्टर रोल पर 19 मजदूरों की फर्जी ऑनलाइन हाजिरी दिखाई गई, पर मौके पर एक भी मजदूर नहीं दिखा। ग्राम पंचायत झौवा में तो 5 मास्टर रोल पर 44 मजदूरों की ऑनलाइन एंट्री हुई, लेकिन वास्तविकता में वहां मजदूर नदारद थे। सूत्र बताते हैं कि यहाँ मजदूरों के नाम पर फर्जी अटेंडेंस लगाकर उनके मेहनताने का पैसा सीधे अधिकारियों और जिम्मेदारों की जेब में जा रहा है। गरीब मजदूर, जो दिन-रात पसीना बहाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं, उनके हक का पैसा बिना काम के ही हजम किया जा रहा है। जब इस बाबत संबंधित अधिकारी से बातचीत की गई तो उन्होंने केवल इतना कहा कि “जांच करके कार्रवाई की जाएगी।” लेकिन बड़ा सवाल यह है कि कब तक ऐसे फर्जीवाड़े गरीबों की रोज़ी-रोटी पर डाका डालते रहेंगे? मजदूरों की आवाज़ दबा दी जाएगी या उन्हें उनका हक मिलेगा? अगर शासन-प्रशासन ने समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं की, तो यह मनरेगा भ्रष्टाचार मजदूरों की उम्मीदों को खत्म कर देगा। अब देखना यह होगा कि इस खुलासे के बाद अफसरों की नींद टूटती है या गरीबों का हक इसी तरह लुटता रहेगा।