"संस्कार और शिक्षा का संगम – राजमती देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज, तिमली पौड़ी"।

"संस्कार और शिक्षा का संगम – राजमती देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज, तिमली पौड़ी"।

पौड़ी गढ़वाल(अंकित उनियाल)

हर सुबह मां सरस्वती की वंदना के साथ जब सूरज की पहली किरण विद्यालय प्रांगण में पड़ती है, तो एक नई ऊर्जा और उमंग के साथ छात्रों का दिन प्रारंभ होता है। यह केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि संस्कारों की पाठशाला है – राजमती देवी सरस्वती विद्या मन्दिर इंटर कॉलेज, तिमली पौड़ी।

यहाँ शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू को संवारने वाली होती है। विद्यालय में बच्चों को एक ऐसा वातावरण प्रदान किया जाता है जो न केवल उन्हें पढ़ाई में उत्कृष्ट बनाता है, बल्कि उनके चरित्र, व्यवहार और आत्मिक विकास की भी गारंटी देता है।

आज के प्रतिस्पर्धी युग में जहां छात्र तनाव, अपेक्षाओं और पढ़ाई के बोझ से जूझ रहे हैं, वहीं इस विद्यालय में योग और ध्यान जैसी विधियों के माध्यम से उन्हें मानसिक शांति और संतुलन प्रदान किया जाता है। ध्यान केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि आत्म-अनुशासन, एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बन चुका है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार, छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक, मानसिक और भावनात्मक गतिविधियाँ भी आवश्यक हैं – और यही लक्ष्य लेकर यह विद्यालय निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।

राजमती देवी सरस्वती विद्या मन्दिर ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब शिक्षा में संस्कार और संस्कृति का समावेश होता है, तब एक सुनहरा भविष्य जन्म लेता है। यह विद्यालय एक प्रेरणा है, एक आदर्श है – जहाँ से निकलकर छात्र न केवल विद्वान बनते हैं, बल्कि अच्छे इंसान भी।