काल बनते कोयला लदे ट्रक सड़कों पर मौत बन घूम रहे हैं ये रफ्तार के राक्षस, दुर्घटना को दे रहे है बड़ा निमंत्रण

निष्पक्ष जान अवलोकन! सोनू वर्मा सोनभद्र/सिंगरौली – कोयला खदानों से निकलकर मुख्य मार्गों से गुजरते भारी-भरकम ट्रक और ट्रेलर अब आमजन के लिए एक गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं। इन ट्रकों पर कोयला लोडिंग के दौरान न तो सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाता है और न ही ट्रैफिक नियमों का। सड़क पर जैसे ही कोई कोयला लदा ट्रक सामने आता है, गुजरती गाड़ियों के चालकों की साँसें थम जाती हैं — हर कोई बस यही सोचता है कि अगली दुर्घटना में शायद उसकी बारी न हो। एनसीएल (Northern Coalfields Limited) की कोयला परियोजनाओं से जुड़े इन ट्रकों की हालत यह है कि सड़कों पर ओवरलोडिंग करते हुए ये बेलगाम दौड़ते हैं। सुरक्षा नियमों की धज्जियाँ उड़ाते ये वाहन किसी भी क्षण किसी निर्दोष की जान ले सकते हैं। न तो चालक के पास पर्याप्त प्रशिक्षण होता है और न ही ट्रकों की तकनीकी स्थिति सड़क योग्य होती है। आश्चर्य की बात यह है कि जहाँ एक ओर स्थानीय पुलिस और प्रशासन आम नागरिकों के हेलमेट और ट्रिपल राइडिंग की जाँच में दिन-रात जुटा रहता है, वहीं इन खतरनाक ट्रकों पर कोई सख्ती नहीं दिखाई जाती। शायद इसलिए क्योंकि ये ट्रक किसी रसूखदार ठेकेदार या प्रभावशाली ट्रांसपोर्टर से जुड़े होते हैं — और अगर ऊपर तक सेटिंग है तो डर कैसा? स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सड़कें मौत का रास्ता बन चुकी हैं। कोई व्यवस्था नहीं, कोई गाइडलाइन का पालन नहीं। यदि प्रशासन ने समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की, तो कोयला परिवहन का यह अराजक तंत्र किसी बड़ी त्रासदी को जन्म दे सकता है। सड़कों पर चलते समय सावधानी बरतें : विशेषकर कोयला लदे ट्रकों के आस-पास सतर्क रहें। प्रशासन से अपेक्षा की जाती है कि वह कोयला परिवहन व्यवस्था पर तुरंत नियंत्रण स्थापित करे, जिससे आम नागरिकों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।