भगवानपुर शिवपुर गौशाला की बढ़तार हालात, गोवंश भूखे-प्यासे तड़प रहे
प्रशासन और जिम्मेदारों की उदासीनता
जनपद बलरामपुर विकासखंड पचपेड़वा अंतर्गत ग्राम पंचायत भगवानपुर शिवपुर स्थित गौशाला की स्थिति दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गौशाला में रहने वाले दर्जनों गोवंश भूख और प्यास से तड़पते नज़र आए। जिन गोवंशों को संरक्षण और चारे-पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए थी, वे आज भूख और प्यास से दम तोड़ने की कगार पर पहुँच गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गौशाला में न तो पर्याप्त चारे की व्यवस्था है और न ही पानी की टंकियों में पानी भरवाया जा रहा है। यही वजह है कि वहां बंद गोवंश तड़प-तड़पकर अपना जीवन काटने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही साफ दिखाई देती है। संवाददाता ने जब इस मामले पर ग्राम पंचायत सचिव देवेंद्र चौधरी से दूरभाष पर संपर्क करना चाहा तो उनका मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ। इसी तरह विकास खंड अधिकारी (बीडीओ) मोहित दुबे से भी संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने भी कॉल रिसीव नहीं किया। इससे यह साफ जाहिर होता है कि जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर विषय पर कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि गौशाला की हालत इतनी दयनीय है कि कई गोवंश बीमार हो गए हैं। भूसे और हरे चारे की कमी के चलते वे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। समय पर इलाज और देखरेख न मिलने के कारण बीमार पशुओं की स्थिति और भी गंभीर हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा करोड़ों रुपये की योजनाएं गौवंश संरक्षण के नाम पर चलाई जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर उन योजनाओं का लाभ कहीं नजर नहीं आता। ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द इस गौशाला की स्थिति में सुधार किया जाए। चारे-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए, बीमार गोवंशों का इलाज हो तथा जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। यदि समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो कई गोवंश भूख-प्यास से दम तोड़ देंगे और सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े होंगे। यह स्थिति न केवल संवेदनशील है बल्कि मानवता को झकझोर देने वाली है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन कब तक आंख मूंदे रहता है और कब तक बेजुबान गोवंश इस लापरवाही की भेंट चढ़ते रहेंगे।