लखनऊ एसटीएफ ने जालौन पुलिस के सहयोग से पकड़ा पेट्रोल-डीजल चोरी का जखीरा

लखनऊ एसटीएफ ने जालौन पुलिस के सहयोग से पकड़ा पेट्रोल-डीजल चोरी का जखीरा

निष्पक्ष जन अवलोकन। मनीष सिंह जादौन उरई(जालौन)।लखनऊ से आई एसटीएफ टीम व स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए पेट्रोल-डीजल चोरी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। जोल्हूपुर मोड़ के पास एक अस्थायी गोदाम पर छापेमारी कर दो टैंकर, 53,000 लीटर डीजल, 1,150 लीटर पेट्रोल, मास्टर चाभियां, पाइप, मोबाइल और नकदी जब्त की गई। गिरोह के सात आरोपी मौके से गिरफ्तार किए गए जबकि तीन फरार हैं। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह टैंकर ड्राइवरों से मिलीभगत कर रोजाना कई टैंकरों से तेल चोरी कर काले बाजार में बेचता था। सभी आरोपियों पर पेट्रोलियम अधिनियम व आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की गई है।जालौन के कालपी क्षेत्र में एसटीएफ लखनऊ और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर पेट्रोल-डीजल चोरी के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। 23 जुलाई को जोल्हूपुर मोड़ के पास केएनसी विद्यालय के बगल में बने एक अस्थायी गोदाम में छापेमारी की गई। एसटीएफ ने दो टैंकर, 53,000 लीटर डीजल और 1,150 लीटर पेट्रोल जब्त किया है। इसके अलावा बड़ी मात्रा में पाइप, मास्टर चाभियां, मोबाइल फोन और 54,000 रुपये नगद भी बरामद किए गए हैं। कार्रवाई में राहुल (ड्राइवर), रिंकू कुमार (खलासी), अकील अहमद (ड्राइवर), तौहीद खां (खलासी), रामबाबू (मजदूर), मुसरत अली उर्फ मुन्ना (गोदाम ऑपरेटर) और शिवा सिंह चौहान (गोदाम सह-प्रबंधक) को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के तीन मुख्य आरोपी राजकुमार उर्फ राजू, शैलेन्द्र और संदीप फरार हैं।पूछताछ में पता चला कि गिरोह पेट्रोलियम कंपनियों के टैंकर ड्राइवरों से मिलीभगत कर तेल चोरी करता था। मास्टर चाभियों से टैंकरों के नोजल लॉक खोलकर तेल निकाला जाता था। गिरोह रोजाना 10-15 टैंकरों से 50-100 लीटर तेल चुराकर 65-75 रुपये प्रति लीटर में बेचता था।पुलिस ने शिवा सिंह के घर से 750 लीटर पेट्रोल भी बरामद किया है। आरोपियों पर पेट्रोलियम एक्ट 1934 की धारा 23 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जब्त किए गए टैंकरों को नवीन गल्ला मंडी कालपी में रखा गया है। सबसे बड़ा सवाल स्थानीय लोगों के मन में बार बार आ रहा है कि कालपी पुलिस को इसकी भनक क्यों नहीं लगी 500 मीटर की दूरी पर पुलिस की चौकी है एक किलोमीटर दूरी पर कोतवाली है इसके बावजूद पुलिस को इस अवैध कार्य की भनक क्यों नहीं थी या जानबूझकर चोरी को बढ़ावा दिया जा रहा था फिलहाल स्थानीय पुलिस की किरकिरी हुई है यही नहीं कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत भी बताई जा रही है ये तो जांच में पता चलेगा