बैंकों को योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश — मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना सहित तमाम योजनाओं की समीक्षा, निस्तारण में तेजी लाएं

बैंकों को योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश — मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना सहित तमाम योजनाओं की समीक्षा, निस्तारण में तेजी लाएं

निष्पक्ष जन अवलोकन।मनीष सिंह जादौन उरई(जालौन)जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित रानी लक्ष्मीबाई सभागार में जिला स्तरीय समीक्षा एवं सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें बैंकों द्वारा संचालित विभिन्न सरकारी ऋण योजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने ऋण जमा अनुपात, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, पीएम स्वनिधि, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), एक जनपद एक उत्पाद (ODOP) तथा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर बैंकवार समीक्षा करते हुए कहा कि "सभी बैंक योजनाओं के त्वरित निस्तारण हेतु समयबद्ध कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य हासिल करें। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के अंतर्गत विभिन्न बैंकों में अनेक आवेदन लबिंत है इंडियन ओवरसीज बैंक – 128 आवेदन लंबित,स्टेट बैंक ऑफ इंडिया – 98 आवेदन, आर्यावर्त ग्रामीण बैंक – 77 आवेदन, एचडीएफसी बैंक – 53 आवेदन,बैंक ऑफ बड़ौदा – 36 आवेदन,पंजाब नेशनल बैंक – 27 आवेदन,इस पर जिलाधिकारी ने बैंकों को निर्देशित किया कि "सभी स्वीकृत आवेदनों का निस्तारण प्राथमिकता पर किया जाए। पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का शीघ्र लाभ मिले, यही शासन की मंशा है। एनआरएलएम के तहत प्राप्त 643 आवेदनों में से 139 का निस्तारण हुआ है, जबकि इंडियन बैंक में 197 और आर्यावर्त बैंक में 250 आवेदन लंबित हैं। किसान क्रेडिट कार्ड (मत्स्य पालन) योजना में भी आवेदनों की संख्या के सापेक्ष निस्तारण की गति धीमी है। जिलाधिकारी ने बैंकों को निर्देशित किया कि "इन योजनाओं की प्रकृति ग्रामीण विकास से जुड़ी है, अतः इनका शीघ्र निष्पादन करना सुनिश्चित करें। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना एवं ODOP (एक जनपद एक उत्पाद) योजना के अंतर्गत प्राप्त 19 आवेदनों पर कार्यवाही अपेक्षित है। उन्होंने बैंकों को निर्देशित किया कि स्थानीय उद्यमिता को प्रोत्साहन देने वाली इन योजनाओं को गंभीरता से लिया जाए और सकारात्मक सहभागिता दी जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ बैंकों का ऋण जमा अनुपात 40% से भी कम है, जो संतोषजनक नहीं है। उन्होंने निर्देश दिया कि "इस अनुपात को चरणबद्ध ढंग से सुधारते हुए 60% के लक्ष्य तक लाया जाए। उन्होंने कहा कि बैंक और शासन के बीच समन्वय से ही जनकल्याणकारी योजनाएं ज़मीन पर उतरेंगी। बैंकों की सक्रिय भूमिका से जनपद का आर्थिक परिदृश्य और अधिक सशक्त हो सकता है।" इस अवसर पर नगर मजिस्ट्रेट राजेश कुमार वर्मा, उपायुक्त स्व-रोजगार महेन्द्र प्रसाद चौबे, अग्रणी जिला प्रबंधक अनुराग सक्सेना, नाबार्ड जिला विकास प्रबंधक परितोष, उद्योग उपायुक्त प्रभात यादव, आरसेटी निदेशक राकेश त्रिवेदी समेत विभिन्न बैंक शाखाओं के प्रतिनिधि व संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।