नलकूप प्रखंड ने भ्रष्टाचार छुपाने के लिए RTI एक्ट का किया उल्लंघन

नलकूप प्रखंड ने भ्रष्टाचार छुपाने के लिए RTI एक्ट का किया उल्लंघन

निष्पक्ष जन अवलोकन अनिल खटीक राठ (हमीरपुर)। जिले के विभागों से मांगी गई सूचना का जबाव जन सूचना अधिकारियों द्वारा निर्धारित अवधि में नहीं दिया जाता हैं। प्रथम अपीलीय अधिकारियों के कड़े निर्देशों के बाद भी जन सूचना अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। जिससे साफ होता है कि विभागों में कितना भ्रष्टाचार फैला है। ज्यादातर विभागों में भ्रष्टाचार छुपाने और पोल खुलने के डर से अधिकारी मनमानी करते हुए नजर आते हैं। क्षेत्र के औड़ेरा गांव निवासी रामसिंह राजपूत आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि 18 फरवरी 2025 को जन सूचना अधिकारी अधिशाषी अभियंता नलकूप प्रखंड हमीरपुर से आरटीआई एक्ट 2005 के अंतर्गत शासकीय ट्यूबबेल, संचालित व असंचालित ट्यूबबेल रखरखाव हेतु व्यय और प्रत्येक ट्यूबबेल का वर्षवार आय व व्यय का ब्यौरा आदि से संबंधित चार बिंदुओं की सूचना चाही गई थी। लेकिन निर्धारित 30 दिवस बीत जाने के बाद भी कोई जवाब न मिलने पर पुनः 10 रूपये का पोस्टल आर्डर लगाकर जन सूचना अधिकारी को दिनांक 20 मार्च को स्मरण पत्र के माध्यम से सूचना चाही गई लेकिन विभाग की उदासीनता के चलते कोई जवाब नहीं दिया गया। तत्पश्चात 29 मार्च को प्रथम अपीलीय अधिकारी अधीक्षण अभियंता नलकूप प्रखंड मंडल बांदा को करने के बाद पत्र को गंभीरता से संज्ञान लेकर पत्रांक 839 दिनांक 25 अप्रैल 2025 को नोटिस भेजकर जन सूचना अधिकारी हमीरपुर से मांगी गई चार बिंदुओं की सूचना का जबाव देने के लिए आदेश किया था। लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है कि विभाग द्वारा भ्रष्टाचार छुपाने के लिए जानबूझकर आरटीआई एक्ट 2005 और मंडल के अधिकारियों के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन किया गया। आरोप है कि भ्रष्टाचार का खुलासा के डर से कही विभाग की पोल न खुल जाए। इसलिए नलकूप प्रखंड RTI का जबाव देने से डर रहा है। RTI कार्यकर्ता ने उच्चाधिकारियों से अपील की कि ऐसे भ्रष्ट व लापरवाह विभाग के जन सूचना अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने की मांग की।