पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों के नामांकन में बाधा नहीं बनेगा कोई भी कारण, हर बाधा को दूर कर विद्यालय में प्रवेश दिलाना है लक्ष्य : जिलाधिकारी

पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों के नामांकन में बाधा नहीं बनेगा कोई भी कारण, हर बाधा को दूर कर विद्यालय में प्रवेश दिलाना है लक्ष्य : जिलाधिकारी

निष्पक्ष जन अवलोकन। अखिलेश कुमार

ललितपुर।

                  पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों के नामांकन में बाधा नहीं बनेगा कोई भी कारण, हर बाधा को दूर कर विद्यालय में प्रवेश दिलाना है लक्ष्य : डीएम

                    *आर्थिक रुप से कमजोर अभिभावकों को दिलायेंगे सरकारी योजनाओं का लाभ, अधिक दूरी होने पर बालिकाओं को मिलेगी साइकिल*

                    महत्वाकांक्षी ब्लॉक मड़ावरा के सहरिया बाहुल्य ग्राम पहाड़ीखुर्द में डीएम ने लगायी जनचौपाल

                     बच्चों और अभिभावकों को बताया शिक्षा का महत्व, शत-प्रतिशत नामांकन हेतु अधिकारियों को दिये निर्देश

 ललितपुर।

                  शैक्षिक रुप से पिछड़े जनपदों में सुमार ललितपुर में अब एक नई उम्मीद जगी है, यहां शिक्षा की अलख जगाने के उद्देश्य के साथ जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने कक्षा 8 उत्तीर्ण प्रत्येक बच्चे एवं विगत 3 वर्षों में पढ़ाई छोड़ चुकी बालिकाओं को आगामी कक्षाओं में प्रवेश दिलाने का वीढ़ा उठाया है, *जिसके चलते शनिवार को जिलाधिकारी ने जिले की दूरस्त तहसील और आकांक्षात्मक विकासखण्ड मड़ावरा में जनजाति वाहुल्य ग्राम पहाड़ीखुर्द में जनचौपाल लगाकर नामांकन से छूटे बच्चों और अभिभावकों को शिक्षा का महत्व समझाया और उनके द्वारा बतायी गई समस्याओं को सूचीबद्ध कराते हुए निस्तारण कराकर बच्चों का नामांकन कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए।

                 * जिलाधिकारी ने पूर्व में किये गए ग्रामवार सर्वे की लिस्ट ग्रामीणों व बच्चों को दिखाकर उनसे सत्यापन कराया और यदि कोई बच्चा छूट गया हो तो उनका नाम अंकित कराने को कहा। उन्होंने एक-एक कर गांव के बच्चों को अपने पास बुलाकर उनसे प्रवेश न लेने का कारण पूछकर उनकी काउंसलिंग की और उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। जिलाधिकारी ने बच्चों के अभिभावकों से भी बात की और उनकी पारिवारिक स्थिति को जाना। बच्चों और अभिभावकों द्वारा धन का अभाव, विद्यालय की अधिक दूरी, साधनों का अभाव, बाल विवाह जैसे कई आर्थिक, सामाजिक व अन्य कारण बताए, जिन्हें जिलाधिकारी ने सूचीबद्ध करवाते हुए उनका निस्तारण कराकर बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चे शिक्षित होंगे तो भविष्य में शासकीय सेवाओं या स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर बन सकेंगे और समाज में एक सम्मानजनक जीवन जिएंगे। जिलाधिकारी ने अभिभावकों से कहा कि बच्चों का शिक्षित होना बहुत जरुरी है, इसके लिए आपके द्वारा प्रवेश न कराये जाने के जो कारण बताये गए हैं, उन्हें सूचीबद्ध कर लिया गया है, सम्बंधित विभागों के द्वारा उनका समाधान कराया जाएगा। आप सभी ये सुनिश्चित करें कि आपके बच्चों का नामांकन हर हाल में हो जाए, जिला प्रशासन आपकी पूरी मदद करेगा। आपसे यही अपेक्षा है कि आगे बढ़कर बच्चों की पढ़ाई पूरी कराने में जिला प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने बच्चों से कहा कि उनका कोई साथी जो पिछली क्लास में उनके साथ था लेकिन किसी कारण से उसने पढ़ाई छोड़ दी है, तो उसे भी प्रवेश लेने के लिए प्रेरित करें। जिलाधिकारी ने समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया कि सहरिया जनजाति की बालिकाएं जो अधिक दूरी के कारण नामांकन नहीं करा पा रही हैं, उन्हें साईकिल की व्यवस्था की जाए। जिला विकास अधिकारी को निर्देश दिये गए कि आर्थिक रुप से कमजोर अभिभावकों व बालिकाओं को कन्या सुमंगला योजना सहित सरकार की आर्थिक रुप से समृद्ध करने वाली विभिन्न योजनाओं से आच्छादित किया जाए। बैठक में पुलिस अधीक्षक मो0 मुश्ताक, मुख्य विकास अधिकारी शेषनाथ चौहान, जिला विकास अधिकारी अतिरंजन सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रणवीर सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी नन्दलाल सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी नीरज सिंह, जिला सूचना अधिकारी डीएस दयाल, बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान सचिव वासुदेव सिंह उपस्थित रहे। ---------------------------------------------