नवानगर थाना क्षेत्र के निगाही में अवैध कबाड़ कारोबार का खुला अमलोरी और निगाही खदान में चोरी का गठजोड़

नवानगर थाना क्षेत्र के निगाही में अवैध कबाड़ कारोबार का खुला अमलोरी और निगाही खदान में चोरी का गठजोड़

निष्पक्ष जाना अवलोकन! सोनू वर्मा! सिंगरौली/नवानगर थाना अंतर्गत निगाही क्षेत्र में अवैध कबाड़ की दुकान संचालन की खबर ने पुलिस और कोल इंडस्ट्री से जुड़े विभागों में हलचल मचा दी है। सूत्रों के मुताबिक, "मौर्य और मिश्रा" की जोड़ी अमलोरी और निगाही खदानों से सुनियोजित तरीके से चोरी करवा कर कबाड़ बिक्री का नेटवर्क चला रही है। --- #खदानों से होती है चोरी, निगाही में बिकता है माल जानकारी के अनुसार, यह गिरोह कोल खदानों में काम करने वाले अंदरूनी संपर्कों के जरिये मशीनों और उपकरणों के बेशकीमती हिस्से चुरा लेता है। फिर उन्हें निगाही क्षेत्र में स्थित अवैध कबाड़ दुकानों के माध्यम से खपाया जाता है। यह गिरोह सिर्फ कबाड़ तक सीमित नहीं बल्कि लोहे के रॉड, पैनल, वायर, मशीन पार्ट्स तक की चोरी में सक्रिय है। --- #मौर्य और मिश्रा की जोड़ी: गिरोह का मास्टरमाइंड? सूत्रों की मानें तो यह पूरी चोरी और सप्लाई चेन मौर्य और मिश्रा नाम के दो मुख्य सरगनाओं के इशारे पर संचालित हो रही है। “ये दोनों खदानों में लंबे समय से सक्रिय हैं और सुरक्षाकर्मियों व संविदा कर्मियों से मिलीभगत कर माल को बाहर पहुंचाते हैं।” --- #पुलिस और NCL प्रबंधन की चुप्पी अभी तक न तो नवानगर पुलिस और न ही एनसीएल निगाही और अमलोरी प्रबंधन ने इस पर कोई खुली कार्यवाही की है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि— > “इन दुकानों की गतिविधियों की जानकारी होने के बावजूद पुलिस और खदान सुरक्षा विभाग आंख मूंदे हुए हैं।” --- जल्द हो सकता है बड़ा खुलासा सूत्र बताते हैं कि कुछ मीडिया संस्थानों के पास CCTV फुटेज और गवाहों के बयान उपलब्ध हैं, जिसके आधार पर जल्द ही इस रैकेट पर विस्तृत रिपोर्ट सामने आ सकती है। इस अवैध कारोबार में कई और स्थानीय लोग और अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। --- जनता की मांग अवैध कबाड़ दुकानों पर तुरंत छापा और सीलिंग चोरी के माल की सूत्रबद्ध जांच मौर्य और मिश्रा की भूमिका की गहन छानबीन पुलिस और खदान सुरक्षा विभाग की लापरवाही पर जवाबदेही तय --- निगाही और अमलोरी जैसे संवेदनशील औद्योगिक क्षेत्रों में ऐसे संगठित अवैध कारोबारों पर अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो इससे न सिर्फ एनसीएल को आर्थिक नुकसान होगा ।