सिंगरौली में झोलाछाप डॉक्टरों पर प्रशासन की चुप्पी, मरीजों की ज़िंदगी से कर रहे हैं खिलवाड़

सिंगरौली में झोलाछाप डॉक्टरों पर प्रशासन की चुप्पी,  मरीजों की ज़िंदगी से कर रहे हैं खिलवाड़

निष्पक्ष जान अवलोकन! सिंगरौली/भोपाल मध्यप्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 15 जुलाई 2024 को सभी जिलों के कलेक्टर और सीएमएचओ को आदेश दिया था कि अवैध व अपंजीकृत डॉक्टरों (झोलाछाप) पर तत्काल कार्रवाई करें। लेकिन सिंगरौली जिला प्रशासन ने अब तक इस आदेश पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। न तो छापेमारी हुई और न ही कानूनी कार्रवाई, जबकि मानव अधिकार आयोग ने भी इस संबंध में निर्देश जारी किए थे। कोविड-19 के दौरान भी जारी रहा खतरा स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कोविड महामारी के समय भी झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय रहे। उन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर, इंजेक्शन और दवाइयां देने का मौका मिला। कई मरीजों की हालत बिगड़ी और कुछ की मौत भी हुई, लेकिन प्रशासन ने न जांच की, न कार्रवाई। गलत इलाज से गंभीर नतीजे ग्रामीण इलाकों में इन झोलाछापों के इलाज से **Abscess (फोड़ा), Gangrene (सड़न), Hypersensitivity reaction, Anaphylaxis (तेज़ एलर्जी प्रतिक्रिया) और Shock** जैसे गंभीर परिणाम सामने आए। कई मामलों में मरीज स्थायी विकलांगता के शिकार हुए, जबकि मौतों के सही आंकड़े प्रशासन ने कभी सार्वजनिक नहीं किए। आंकड़े और रिपोर्ट्स क्या कहते हैं? * म.प्र. सुशासन रिपोर्ट (2022) में साफ कहा गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भरता कम करने से स्वास्थ्य परिणाम बेहतर हो सकते हैं। * STF की हालिया जांच में फर्जी प्रमाणपत्र वाले डॉक्टरों के कई केस उजागर हुए, लेकिन कार्रवाई बेहद सीमित रही। * सुप्रीम कोर्ट ने भी बिना पंजीकरण वाले और अनैतिक चिकित्सा पद्धतियों को “समाज के लिए गंभीर खतरा” बताया है। जनता और विशेषज्ञों की मांग स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि स्वास्थ्य मिशन की योजनाओं के दुरुपयोग और झोलाछापों की सक्रियता से ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं, इसलिए त्वरित और सख्त कार्रवाई जरूरी है। सिंगरौली जिले में हो चुकी हैं कई मौतें झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज के कारण सिंगरौली जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों की मौतें हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी जिला प्रशासन सिंगरौली के द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई झोलाछाप के ऊपर नहीं की गई है गरीब और लाचार लोगों से पैसे लूट कर इलाज के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी बना चुके हैं उनकी बड़ी-बड़ी बिल्डिंग यह सब बताती है कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेवकूफ बनाकर जमकर पैसा लूट रहे हैं और आम लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.