कलेक्ट्रेट सभागार में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई

कलेक्ट्रेट सभागार में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई

निष्पक्ष जन अवलोकन।मनीष सिंह जादौन उरई (जालौन)।संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती आज कलेक्ट्रेट सभागार में बड़े ही हर्षोल्लास और गरिमा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय व अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संजय कुमार ने डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए और उन्हें नमन किया। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन के निर्देशों के तहत जनपद के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। उन्होंने डॉ. अंबेडकर के विचारों और योगदान को याद करते हुए कहा कि वे केवल एक वर्ग के नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के कल्याण के लिए समर्पित थे। महिलाओं के उत्थान, श्रमिकों के हितों की रक्षा और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में उनके कार्य अतुलनीय हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब एक युगद्रष्टा थे, जिन्हें नौ भाषाओं का ज्ञान था और जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी उच्च स्थान प्राप्त किया। उनका जीवन संघर्ष, सत्यनिष्ठा, और करुणा का प्रतीक है। जिलाधिकारी ने कहा कि बाबा साहब को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम उनके बताए मार्ग पर चलें और उनके विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करें। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को संविधान की प्रस्तावना की शपथ भी दिलाई और यह संदेश दिया कि समाज एवं राष्ट्र के प्रति हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करें।अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संजय कुमार ने भी अपने संबोधन में डॉ. अंबेडकर के आदर्शों, संघर्षों और विचारों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें एक महान समाज सुधारक और संविधान शिल्पकार के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने सभी वर्गों को सम्मान, न्याय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दिलाने का कार्य किया, जिसे युगों तक भुलाया नहीं जा सकता।इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) प्रेमचंद मौर्य, उप जिलाधिकारी सौरभ पाण्डेय, विशेश्वर यादव, हेमंत पटेल सहित कई अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। समारोह में डॉ. अंबेडकर के विचारों और शिक्षाओं को आत्मसात करने का संकल्प लिया गया।