आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में मनाया गया आपातकाल दिवस

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में मनाया गया आपातकाल दिवस

निष्पक्ष जन अवलोकन।मनीष सिंह जादौन उरई (जालौन)।शासन द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में आज राष्ट्रीय आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर विकास भवन के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में आपातकाल दिवस मनाया गया। जिसमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों व उनके आश्रितों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ० घनश्याम अनुरागी, विधायक सदर गौरीशंकर वर्मा, विधायक माधौगढ़ मूलचन्द्र निरंजन, पूर्व विधायक कालपी नरेन्द्र पाल सिंह जादौन, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी(वि./रा.) संजय कुमार, जिला विकास अधिकारी, लोकतंत्र सेनानियों एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही। विचार संगोष्ठी में आपातकाल के दौरान जेलों में निरुद्ध लोकतंत्र सेनानियों ने अपने संघर्षपूर्ण अनुभवों को साझा किया। लोकतंत्र सेनानियों ने बताया कि किस प्रकार 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू हुआ, प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया, विपक्षी नेताओं को जेलों में डाला गया और आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हुआ, सभी ने अपने अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम के दौरान एक हस्ताक्षर अभियान, चित्र प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसमें आपातकाल के समय की घटनाओं, समाचारों, नेताओं की गतिविधियों तथा जनआंदोलनों को दर्शाया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक ऐसा अध्याय है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता, उस दौर में जिन लोगों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की वे वास्तव में हमारे समाज के प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें इस बात का संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे। विधायक सदर ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला अध्याय था, जिससे हमें यह सीख मिलती है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर सजग रहना आवश्यक है। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के योगदान को नमन करते हुए कहा कि उनकी कुर्बानियों के कारण ही आज हम एक स्वतंत्र और मजबूत लोकतंत्र में सांस ले रहे हैं। विधायक माधौगढ़ ने कहा कि आपातकाल के दौरान जिन लोगों ने अपनी आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कीमत पर देश को लोकतांत्रिक रास्ते पर बनाए रखा उनका योगदान अतुलनीय है उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के साहस और बलिदान को नमन करते हुए कहा कि युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों द्वारा लोकतंत्र सेनानियों को फूलमाला पहनकर अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इसके उपरांत आपातकाल दिवस के अवसर पर जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व लोकतंत्रसेनानियो ने हस्ताक्षर किए।