राम जन्मोत्सव के मौके पर अमिता साहित्यमंच ने की काव्यगोष्ठी

राम जन्मोत्सव के मौके पर अमिता साहित्यमंच ने की  काव्यगोष्ठी

निष्पक्ष जन अवलोकन। मनीष सिंह जादौन उरई(जालौन)।सिटी स्कूल राजेन्द्र नगर में रामनवमी के उपलक्ष्य में नगर के लगभग दो दर्जन से अधिक शायर और कवियों की मौजूदगी में वरिष्ठ साहित्यकार यज्ञदत्त त्रि पाठी जी की अध्यक्षता और जनाब इफ्तखार हबीब साहब डॉक्टर अमरेंद्र पोतस्यायन जी के आतिथ्य में हुई। जिसका संचालन अभिषेक सरल ने किया। गोष्ठी की शुरुआत साहित्यसभा के अध्यक्ष अनुज भदौरिया की सरस्वती वंदना और शायर अनवार साहब की नाते पाक से हुआ। गोष्ठी में दिव्यांशु दिव्य ने पढ़ा,मंदिर में तो दिव्य प्रभु जी मिलेंगे पर,त्याग समर्पण होगा तब ही राम मिलेंगे उसके बाद श्रोमणि सोनी वीणा ने पढ़ा प्रामाण ये की राम हैं कि तन में तेरे प्राण है,ये तन तेरा ये मन तेरा बिन प्राण ये निष्प्राण है इनके बाद शायर फहीम बासौदवी ने पढ़ा कुछ दिन कटे थे गम में कुछ दिन खुशी के साथ,होता रहा मज़ाक मेरी ज़िंदगी के साथ फिर सुनाया सीता खरे ने हे राम अनुकम्पा रहे हम गीत तेरे गा सकें,जीवन मिला यह आपसे है भक्ति तेरी पा सकें,राघवेन्द्र कनकने ने सुनाया कौन ये वीणा बजाए कौन है जो गुनगुनाए, किसने ये पल्लव लता ये बाग उपवन सजाए,गरिमा पाठक ने पढ़ा खुशी आ गई देखो अयोध्या में आज,सज गईं गलियां बज रहे मंगल साज,अतीक सर ने पढ़ा मुझको तो मार गया है मेरा चंदन सा मिजाज,लोग लिपटे भी रहे और डसते भी रहे किरपाराम किरपालु ने पढ़ा प्रेयसी की खुशी का कैसे करूँ बखान,झूठे आँसू आँख में होठों पर मुस्कान,प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम ने पढ़ा नीत न्याय का धर्म का पोषक उनका नाम, जीवन का आदर्श हैं पुरषोत्तम श्री राम, अभिषेक सरल ने पढ़ा पढा गुणातित गुणवान हैं वो,सब कहते भगवान हैं वो फिर पढा अनुज भदौरिया ने पढा,ख्वाब का इक गीत बुनना चाहता हूँ, बस तेरी आवाज़ सुनना चाहता हूँ। शायर अनवार साहब ने सुनाया याद उनकी दिला गया कोई,मेरे दिल को दुखा गया कोई,उसके बाद साहित्यसभा के संयोजक शायर शफीकुर्रहमान कशफ़ी ने पढा वो इमामे हिन्द हैं और हिन्द के वासी हैं हम,ऐसे रिश्ता जुड़ गया है देखो सबका राम से,अतिथि अमरेंद्र जी ने पढ़ा शब्द रहें यशोदा में तो पुरषोत्तम बन सकते हैं,रहें आवरण शुद्ध सरल तो अंतर्मन घुस सकते है दूसरे अतिथि इफ्तखार हबीब साहब ने सुनाया चंद लम्हों में ही काफूर हुआ करती है,पानी के बुलबुले सी है आज की मुहब्ब्त,अध्यक्षता कर रहे वरिष्टय साहित्यकार यज्ञदत्त जी ने सभी को बधाई देते हुए पढा शुभ नाम राम का लेकर जो संकल्प काम का लेते हैं,वह काम स्वतः हो जाते हैं भगवान स्वयं कर देते हैं जिनके अलावा विवेकानंद श्रीवास्तव ब्रह्मप्रकाश दीपक, प्रगति मिश्रा,स्वेता यादव साहिल शर्मा ने भी काव्यपाठ किया अंत में प्रबंधक तांचल सर ने सभी डायरी और कलेंडर देकर सम्मानित कर आभार व्यक्त किया।