डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी न होते तो आज भारत के नक्शे में कश्मीर और बंगाल भी न होते डा मुखर्जी के जन्म जयंती के कार्यक्रम मे बोले प्रदेश उपाध्यक्ष कांत देव सिंह

डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी न होते तो आज भारत के नक्शे में कश्मीर और बंगाल भी न होते   डा मुखर्जी के जन्म जयंती के कार्यक्रम मे बोले प्रदेश उपाध्यक्ष कांत देव सिंह

निष्पक्ष जान अवलोकन! सोनू वर्मा! सिंगरौली/6 जुलाई को जनसंघ के संस्थापक एवं आज की भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुष श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जन्म जयंती है तथा  23 जून को मुखर्जी जी की पुण्यतिथि होती है जिसे भारतीय जनता पार्टी अखिल भारतीय स्तर पर बलिदान दिवस के रूप मे मनाती है । डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी की पुण्यतिथि 23 जून से उनकी जयंती 6 जुलाई तक को भाजपा एक विशेष पखवाड़े के रूप मे भी मनाती है जिसके अंतर्गत कई प्रकार के कार्यक्रम एवं सांगठनिक गतिविधियों का भी आयोजन होता है। डा मुखर्जी जी के जन्म जयंती पर भारतीय जनता पार्टी सिंगरौली ने एक विशेष प्रबुद्ध जन सम्मेलन का आयोजन जिला कार्यालय के सभागार में किया। इस प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करने के लिये भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह को मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप मे उपस्थित रहे तथा सम्मेलन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष सुंदरलाल शाह ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप मे सिंगरौली विधायक रामनिवास एवं सीडा अध्यक्ष दिलीप शाह, पूर्व जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राम सुमिरन गुप्ता, गिरीश द्विवेदी, वीरेंद्र गोयल उपस्थित रहे। जिला मीडिया प्रभारी नीरज सिंह परिहार ने बताया कि कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ पितृ पुरुषों की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन से हुआ तथा सम्मेलन में स्वागत उद्बोधन इस कार्यक्रम के संयोजक एवं जिला उपाध्यक्ष प्यारेलाल चतुर्वेदी ने दिया। उन्होंने समस्त उपस्थित अतिथियों एवं कार्यकर्ताओं का अभिनंदन किया तथा विषय वस्तु पर अपना सारगर्भित उद्बोधन दिया। अपने उद्बोधन में जिलाध्यक्ष सुंदरलाल शाह ने बलिदान दिवस पखवाड़े मे आयोजित विभिन्न सांगठनिक कार्यक्रमों तथा गतिविधियों की क्रमवार जानकारी प्रस्तुत की। जिलाध्यक्ष ने बताया कि पिछले एक पखवाड़े से अबतक प्रधानमंत्री जी के आह्वान को समर्पित एक पेड़ मां के नाम अभियान में हजारों पौधों का रोपण हमारे कार्यकर्ताओं द्वारा प्रत्येक मंडलों में किया गया है तथा प्रत्येक पेड़ की देखभाल के लिए एक पालक भी नियुक्त किया गया है ताकि वह पौधा वृक्ष का रूप ले सके। अपने उद्बोधन मे मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में पधारे प्रदेश उपाध्यक्ष कांतदेव सिंह ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि एक युग प्रवर्तक के रूप मे हम सभी को प्राप्त हुए थे। भारतीय इतिहास में अगर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी न होते तो आज भारत के मानचित्र पर जम्मू-कश्मीर एवं पश्चिम बंगाल भी न होते। बंटवारे के समय पूरा बंगाल एवं जम्मू-कश्मीर पाकिस्तान के हिस्से मे जा रहा था जिसका डॉ मुखर्जी ने पुरजोर विरोध किया तथा उसके फलस्वरूप पश्चिम बंगाल भारत में ही है किंतु पंडित नेहरू और शेख अब्दुल्ला की साजिशों ने जम्मू-कश्मीर को एक अलग राष्ट्र की तहत स्थापित कर दिया जिसका अलग प्रधानमंत्री, अलग संविधान तथा अलग झंडा हुआ करता था। डाक्टर मुखर्जी अनुच्छेद 370 के मुखर विरोधी थे तथा उन्होंने तब की सरकार मे उद्योग मंत्री के पद को छोड़कर कांग्रेस से भी त्यागपत्र दिया। उन्होंने तत्कालीन संघ प्रमुख गुरु गोलवलकर जी की सलाह पर अलग राजनैतिक दल के गठन मे सम्मिलित हुये और एक प्रधान, एक विधान और एक निशान के आंदोलन को नेतृत्व दिया। जून 1953 को कश्मीर आंदोलन को दिशा देने के लिए डॉ मुखर्जी बिना अनुमति जम्मू-कश्मीर मे दाखिल हुए और उन्हें कश्मीर के अंदर गिरफ्तार कर लिया गया तथा तक की कांग्रेस सरकार के शह पर उनको अनेक यातनाएं दी गईं। उन्हें उंचाई पर रखा गया तथा एक छोटे से कमरे में बंद करके रखा गया जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हुआ तथा उपचार के नाम पर उनको वो दवाईयां दी गईं जो उनके लिए प्रतिबंधित थी जिससे उनके स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ा और उनकी मृत्यु हो गई। डाक्टर मुखर्जी की मृत्यु सामान्य मृत्यु नहीं एक षड्यंत्र पूर्वक हत्या थी। उन्होंने 23 जून 1953 को अपने प्राण जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने के लिए त्यागे थे इसलिए उनकी पुण्यतिथि को हम बलिदान दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। आज हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री जी ने 370 का खात्मा कर जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण हिस्सा बनाया है तथा डॉ मुखर्जी के स्वप्न को साकार किया है। हमें इस बात का भी पूर्ण विश्वास है कि जो कश्मीर का भाग अनाधिकृत रूप से पाकिस्तान के पास‌ है वो भी जल्दी ही भारत का अभिन्न अंग होगा। सम्मेलन का मंचीय संचालन इस कार्यक्रम की सह संयोजक एवं महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष सीमा जायसवाल ने किया तथा आभार प्रकटन का कार्य कार्यक्रम के सह संयोजक एवं जिला महामंत्री लालपति साकेत ने किया। कार्यक्रम मे मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष सरोज सिंह, राजेश तिवारी, सरोज शाह, अरविंद दुबे, आशा यादव, जिला महामंत्री राजकुमार दुबे, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के वशिष्ठ पांडेय, जिलामंत्री अरविंद तिवारी, विनोद चौबे, कार्यालय मंत्री कृष्ण कुमार कुशवाहा, आइ टी प्रकोष्ठ संयोजक सुरेश गिरी, मंडल अध्यक्ष सौरभ गुप्ता, नीरज पांडेय, कमलेश शाह, संदीप झा, विनोद सिंह कुरूवंशी, मनोज शाह, मंगल सिंह, वरिष्ठ नेता नरेश शाह, अरूण देव पांडेय, सुरेन्द्र पांडेय, किरन सोनी, गिरिजा पांडेय समेत जिले भर से आये भाजपा कार्यकर्ता एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।