जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय शुल्क नियामक समिति का गठन स्कूलों में किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य सामग्री की अनिवार्यता पर जताई नाराज़गी

निष्पक्ष जन अवलोकन।कमलेंद्र सिंह(शिवम् सिकरवार)
आगरा। जनसुनवाई में लगातार मिल रही अभिभावकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैंप कार्यालय में विभिन्न स्कूलों के प्रतिनिधियों के साथ अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में स्कूलों द्वारा एक विशेष स्थान पर यूनिफॉर्म, जूते, किताबें, कॉपियाँ आदि की बिक्री को लेकर उठ रही समस्याओं पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि स्कूलों की प्रतिष्ठा उनके छात्रों के प्रदर्शन से होती है, न कि किसी विशेष दुकान या उत्पाद की बिक्री से। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी विशेष प्रकार की बटन, शू-लेस या स्कूल का लोगो लगी कॉपियाँ अनिवार्य करना छात्र-हित में नहीं है। स्कूलों का कार्य केवल पढ़ाई कराना ही नहीं, बल्कि छात्रों को संस्कृति और सभ्यता का भी पाठ पढ़ाना है। इसी क्रम में जिलाधिकारी द्वारा शासनादेश के अनुसार जनपद स्तरीय शुल्क नियामक समिति का गठन भी कर दिया गया है। इस समिति के अध्यक्ष स्वयं जिलाधिकारी होंगे। समिति में जिलाधिकारी द्वारा नामित चार्टर्ड अकाउंटेंट, अधिशासी अभियंता (लोक निर्माण विभाग), राज्य वित्त एवं लेखा सेवा के वरिष्ठ अधिकारी, अभिभावक शिक्षक संघ एसोसिएशन के प्रतिनिधि और वित्त पोषित विद्यालय के प्रधानाचार्य/प्रबंधक/प्रशासक सदस्य होंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक इस समिति के सदस्य-सचिव होंगे। समिति का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ कराना, निजी विद्यालयों द्वारा वसूले जा रहे मनमाने शुल्क को नियंत्रित करना और छात्रों पर अनावश्यक आर्थिक भार को रोकना होगा। बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक चंद्रशेखर, खंड शिक्षा अधिकारी नगर सुमित कुमार सिंह सहित दिल्ली पब्लिक स्कूल, सेंट पीटर्स कॉलेज, मारिया रेजीडेंसी एकेडमी, श्रीराम सेंटेनियल स्कूल सहित अन्य विद्यालयों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।