अचकवापुर में मनरेगा के नाम पर मचीं लूट दो-चार मजदूर लगाकर दर्जनों की दिखाईं जा रही उपस्थित

अचकवापुर में मनरेगा के नाम पर मचीं लूट दो-चार मजदूर लगाकर दर्जनों की दिखाईं जा  रही उपस्थित

निष्पक्ष जन अवलोकन संवाददाता रुबीना खातून बलरामपुर जनपद के विकासखंड पचपेड़वा की ग्राम पंचायत अचकवा पुर में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। यहां मात्र दो-चार मजदूरों से कार्य कराकर दर्जनों मजदूरों की उपस्थिति दर्शाई जा रही है। जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, जिससे भ्रष्टाचार को खुली छूट मिल गई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में चल रहे मनरेगा कार्यों में नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाकर भुगतान निकाला जा रहा है, जबकि वास्तविक तौर पर कार्यस्थल पर गिने-चुने लोग ही मजदूरी कर रहे हैं। कई बार तो ऐसे मजदूरों के नाम पर भुगतान हुआ है, जो या तो गांव से बाहर हैं या फिर कभी कार्यस्थल पर गए ही नहीं। मजदूरों ने यह भी बताया कि उन्हें मिलने वाली मजदूरी भी समय पर नहीं दी जाती। कई बार अधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती। ग्राम प्रधान और सचिव की मिलीभगत से यह खेल वर्षों से जारी है। इसमें तकनीकी सहायक से लेकर उच्च अधिकारी तक की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। 21 मई को निष्पक्ष जन अवलोकन में यह खबर प्रकाशित होने के बावजूद अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी ने मौके पर जाकर जांच करना मुनासिब नहीं समझा। इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारियों की कन तक जूं नहीं रेंग रही और वे जानबूझकर मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग रोकने के खंड विकास अधिकारी को मांग किया है इस संबंध में खंड विकास अधिकारी को कहना है कि मामले की जांच कर कर कार्रवाई की जाएगी