एनसीएल दुधिचुआ परियोजना हादसा : सुरक्षा लापरवाही और प्रबंधन की चुप्पी पर उठे सवाल

सोनू वर्मा! निष्पक्ष जान अवलोकन! सिंगरौली/एनसीएल दुधिचुआ परियोजना में कल रात बूम बैरियर के अंदर खदान क्षेत्र में हुए हादसे ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था और प्रबंधन की लापरवाही को उजागर कर दिया। सूत्रों के अनुसार, DO कांटा से कुछ दूरी पर मंडी की गाड़ी अनियंत्रित होकर खड़े लोडेड डंपर से टकरा गई, जिससे गाड़ी का केबिन पूरी तरह दब गया। इस दुर्घटना में ड्राइवर का पैर बुरी तरह से फंस गया और उसे निकालने के लिए घंटों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना पड़ा। भारी मशक्कत के बाद केबिन काटकर ड्राइवर को बाहर निकाला गया और उसे नजदीकी चिकित्सालय भेजा गया। बताया जा रहा है कि ड्राइवर का पेर तीन जगह से फैक्चर है और दब चुका था?परियोजना अधिकारियों द्वारा किसी तरह की जानकारी नहीं दिया जा रहा है ओर ना ही घटनास्थल पर जाने दिया जा रहा? *मीडिया कवरेज पर रोक, और यूनियनों का आक्रोश?* हादसे की सूचना मिलते ही परियोजना क्षेत्र में हड़कंप मच गया। यूनियन नेताओं का जमावड़ा लग गया और स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सुरक्षा विभाग ने मीडिया को कवरेज करने से रोकने के लिए लाठी-डंडों का सहारा लिया। इससे यह साफ संकेत मिलता है कि प्रबंधन दुर्घटनाओं को दबाने की कोशिश करता है ताकि उनकी लापरवाही सामने न आ सके। *बार-बार होने वाली दुर्घटनाएं और जिम्मेदारी पर सवाल?* दुधिचुआ परियोजना में आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं? जिनका मुख्य कारण ओवरलोडिंग, लंबा ट्रैफिक जाम और सुरक्षा नियमों की अनदेखी है। स्थानीय लोग लंबे समय से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि डिस्पैच विभाग केवल प्रोडक्शन बढ़ाने पर जोर देता है, जबकि सेफ्टी और मानव जीवन की परवाह नहीं करता। *प्रबंधन की प्राथमिकता : उत्पादन या सुरक्षा?* यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि उस मानसिकता को दर्शाता है जिसमें सुरक्षा को दरकिनार कर सिर्फ उत्पादन को ही प्राथमिकता दी जाती है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रबंधन की जिम्मेदारी सिर्फ उत्पादन करने तक ही सीमित है? यदि ऐसी ही लापरवाही जारी रही तो खदान क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों और ड्राइवरों की जान हमेशा खतरे में रहेगी।