पारिजात धाम बरोलिया परिसर की दो शौर ऊर्जा लाइटे वर्षों से विगडी पडी हुई हैं प्रशासन इनको कब सही करवायेगा

पारिजात धाम बरोलिया परिसर की दो शौर ऊर्जा लाइटे वर्षों से विगडी पडी हुई हैं प्रशासन इनको कब सही करवायेगा

निष्पक्ष जन अवलोकन अजय रावत।। सिरौलीगौसपुर। पौराणिक देव वृक्ष पारिजात में इस समय फूल आये हुए हैं।जिनके दर्शन और पूजन को प्रतिदिन आ रहें हैं। बताते चलें कि देश विदेश में प्रख्यात पौराणिक देव वृक्ष पारिजात जिसे महा भारत के अज्ञात वास के समय भगवान शिव की आकाशवाणी कुन्ती, गांधारी में से जो भी स्वर्ण रुपी पुष्प से ब्रहृमुहूर्त में प्रथम शिवार्चन करेगा उसी के पुत्रों को महाभारत में विजय प्राप्त होगी। गांधारी के पुत्रों के हाथ में राजपाठ था उनके पुत्र स्वर्णकारों को बुला कर सोने के पुष्प तैयार करवाया।इधर माता कुंती भगवान शिव की भविष्यवाणी को अपने पुत्र अर्जुन से बताया। अर्जुन ने भगवान श्रीकृष्ण को बताया तब भगवान श्रीकृष्ण ने बताया कि स्वर्ण आभा वाले पुष्प का वृक्ष भगवान की इन्द्र की स्वर्ण वाटिका में है। अर्जुन अपने सखा श्रीकृष्ण के साथ इन्द्र की वाटिका में पंहुच कर पारिजात नामक स्वर्ण रुपी पुष्प वाले पारिजात वृक्ष को अर्जुन ने अपने बाण से पृथ्वी लोक के ग्राम बरोलिया स्थित पारिजात धाम में रोपित कर दिया।और उसी के स्वर्ण आभा वाले पारिजात के पुष्प से माता कुंती ने ब्रह्ममुहुर्त में प्रथम शिवार्चन किया उनके पुत्र महाभारत में विजय प्राप्त कर राज पाठ हासिल किया। इस सम्बन्ध में पारिजात के महन्त मंगलदास जी बताते है कि यह पारिजात वृक्ष कौरव पांडव युद्व में अज्ञात वास के दौरान का पौराणिक वृक्ष है जिसके दर्शन पूंजन से मानव कल्याण होता है। पारिजात परिसर में चार बडी लाइट शौर ऊर्जा की लगी हुई हैं जिसमें दो लाइट वर्षों से खराब पडी हुई हैं । प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं आधा पारिजात परिसर में अंधेरा रहता है।