बाढ़ का कहर: यमुना-बेतवा के उफान से बरुआ गांव बना टापू,लोगो के घरों में घुसा पानी, ग्रामीणों ने ऊंचे स्थानों में ली शरण

निष्पक्ष जन अवलोकन अनिल खटीक सुमेरपुर (हमीरपुर)। यमुना और बेतवा नदियों के जलस्तर में निरंतर वृद्धि से जनपद के कई गांवों में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। ग्राम पंचायत बरुआ सबसे अधिक प्रभावित गांवों में शामिल है, जहां बाढ़ का पानी घुसने से पूरा गांव टापू बन गया है। घरों में पानी भर जाने से ग्रामीणों को जरूरी सामान लेकर ऊंचाई वाले स्थानों की ओर पलायन करना पड़ा है। वहीं अन्य नदी किनारे बसे गांवों में भी जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ग्रामीणों में बाढ़ को लेकर दहशत का माहौल बना हुआ है। लोगों की धड़कनें पानी के बढ़ते स्तर के साथ तेज होती जा रही हैं। वे यह सोचकर चिंतित हैं कि यदि पानी यूं ही बढ़ता रहा, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं। बाढ़ के कारण कई मकान पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। डूबे हुए घरों में गोरेलाल पुत्र बृजलाल, शिवसिंह पुत्र राज बहादुर यादव, मुलायम पुत्र राज बहादुर यादव, सुरेन्द्र पुत्र भीषमदास, हरीप्रसाद पुत्र बजरंगी, रामप्रसाद पुत्र कलुआ, मुन्ना पुत्र सम्पाती धोबी, पप्पू पुत्र मुन्ना, रामबाई पत्नी राजबहादुर, रामबरन पुत्र शिवलाल यादव, रफीक पुत्र मुन्ना, और रामचरन पुत्र गयादीन केवट सहित कई लोगों के नाम सामने आए हैं। इन सभी परिवारों ने अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थानों में शरण ली है। प्रशासन स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है और राहत-बचाव कार्यों की रणनीति पर कार्यरत है, परंतु ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन तत्काल राहत सामग्री, पेयजल, राशन व दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करे। साथ ही बच्चों, बीमारों और बुजुर्गों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाएं। गांवों में पानी भर जाने से आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है और हालात दिन-ब-दिन और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।