ग्राम पंचायत मिश्रौलिया में सफाई व्यवस्था ठप 6 माह से नदारद सफाई कर्मी गांव में गंदगियों का अंबार

ग्राम पंचायत मिश्रौलिया में सफाई व्यवस्था ठप 6 माह से नदारद सफाई कर्मी   गांव में गंदगियों का अंबार

निष्पक्ष जन अवलोकन। बदरूजमा चौधरी। जनपद बलरामपुर के विकासखंड पचपेड़वा अंतर्गत ग्राम पंचायत मिश्रोलिया में बीते छह माह से सफाईकर्मी राम सुंदर की अनुपस्थिति ने पूरे गांव की सफाई व्यवस्था को चरमरा कर रख दिया है। गांव की गलियों, नालियों और सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। चारों ओर फैली गंदगी से बदबू और संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है, लेकिन जिम्मेदार प्रशासन आंखें मूंदे हुए बैठा है। ग्रामवासियों में इसको लेकर जबरदस्त आक्रोश है गांव बना गंदगी का ढेर, बीमारी फैलने का डर गांव के हर कोने में कूड़े का अंबार देखने को मिल रहा है। नालियां जाम पड़ी हैं, जिससे गंदा पानी सड़कों पर बहता है। बरसात के मौसम में यह स्थिति और भयावह हो चुकी है। लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है। खुले में शौच से मुक्ति का दावा करने वाली सरकार की योजनाएं यहां दम तोड़ती नजर आ रही हैं गांव के वरिष्ठ नागरिक सुभान अली का कहना है पहले सफाईकर्मी गांव में रोज आता था, लेकिन अब 6 महीने से उसकी कोई खबर नहीं। हमने प्रधान से लेकर सचिव तक को कई बार बताया, लेकिन कुछ नहीं हुआ शौकत अली, एक दुकानदार, कहते हैं हमारे दुकान के सामने कूड़ा इतना जमा हो गया है कि ग्राहक रुकते नहीं। मच्छर और बदबू से हाल बेहाल है। हम व्यापार कैसे करें जिम्मेदारों की चुप्पी और लापरवाही ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान को बार-बार सफाईकर्मी के गायब होने की सूचना दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्राम पंचायत के सफाई कर्मी राम सुंदर की गैरहाजिरी के बावजूद उसे वेतन मिलने की बात भी सामने आई है, जो संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है प्रभु यादव ने बताया, "हम लोगों ने ग्राम पंचायत की बैठक में भी सफाईकर्मी की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। लगता है कि इसकी मिलीभगत से ही यह सब हो रहा है दिनेश कुमार निषाद कहते हैं, "हमारे मोहल्ले में गंदगी की वजह से बच्चों को खांसी, बुखार, और पेट की बीमारियां हो रही हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दवा लाते हैं, लेकिन जब तक सफाई नहीं होगी, तब तक आराम नहीं मिलेगा पशुओं के गोबर और नालियों का पानी बना जानलेवा गांव के कई हिस्सों में मवेशियों के गोबर के ढेर और बहती नालियों के कारण कीचड़ और बदबू का माहौल बन गया है। मुख्य सड़क तक पर गोबर और गंदगी फैली हुई है, जिससे फिसलन हो रही है। खासकर दुर्गेश निषाद, राजकुमार निषाद और रामसेवक निषाद जैसे किसान बताते हैं कि खेतों तक पहुंचने वाले रास्तों पर सफाई नहीं होने से रोजाना दिक्कत होती है माकांत मिश्र ने बताया, "हमारे घर के पास ही नाली जाम है, और उसी में मच्छरों का अड्डा बन गया है। कई बार साफ कराने की कोशिश की लेकिन बिना सफाईकर्मी के कुछ नहीं हो पा रहा प्रशासनिक उदासीनता, कार्रवाई शून्य गांव के लोगों ने कई बार ब्लॉक स्तर पर शिकायत की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिला। ग्राम पंचायत के रजिस्टर में सफाईकर्मी की हाजिरी अब भी दर्ज की जा रही है यह ग्रामीणों को और चौंका रहा है क्या यह किसी बड़े भ्रष्टाचार का हिस्सा है यह सवाल अब आम जन की जुबान पर है श्रीराम एक युवा समाजसेवी, कहते हैं हमने वीडियो बनाकर अधिकारियों को भेजा है। अब अगर कार्रवाई नहीं होती तो हम सब मिलकर धरना देंगे रामानंद एक सेवानिवृत्त शिक्षक, कहते हैं गांव की स्थिति बेहद दयनीय है सफाई जैसी बुनियादी व्यवस्था ठप हो तो शासन की बाकी योजनाएं कैसे सफल होंगी ग्रामीणों की मांग तत्काल कार्रवाई गैरहाजिर सफाईकर्मी राम सुंदर को तत्काल निलंबित किया जाए। 2. उसकी उपस्थिति की जांच कर वेतन भुगतान पर रोक लगाई जाए। 3. नए सफाईकर्मी की तैनाती की जाए। 4. पूरे गांव की सफाई कराकर छिड़काव कराया जाए। अगर इन मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं होती तो ग्रामीणों ने ब्लॉक कार्यालय के घेराव की चेतावनी दी है क्या कहते हैं अधिकारी इस मामले में जब गैसड़ी ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा मामले की जांच कराई जाएगी।अगर सफाईकर्मी अनुपस्थित पाया गया तो उस पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी ग्राम पंचायत मिश्रोलिया की यह स्थिति स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता की पोल खोल रही है। स्वच्छ भारत मिशन की जमीनी हकीकत इन हालातों से उजागर हो रही है। अब देखना यह होगा कि ग्रामीणों की आवाज़ सुनकर प्रशासन क्या कदम उठाता है, या फिर मिश्रोलिया भी एक और उपेक्षित गांव की सूची में शामिल होकर रह जाएगा।