उरई नगर पालिका ने पूरे किए मानक, इसलिए मिला स्मार्ट सिटी का दर्जा-बिजय चौधरी

निष्पक्ष जन अवलोकन। मनीष सिंह जादौन उरई (जालौन)। यहां के लोग बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने में माहिर हैं। साथ ही कम क्षेत्रफल में अधिक कृषि पैदावार का हुनर भी इन्हें आता है। यह बात उरई शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने पर चेयरमैन प्रतिनिधि बिजय चौधरी ने कर्मयुग प्रकाश से वार्ता के दौरान कहीं। चेयरमैन प्रतिनिधि बिजय चौधरी से शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिलने बधाई देने पहुंची आज का कानपुर के ब्यूरो चीफ गोविंद सिंह दाऊ को जानकारी देते हुए पालिकाध्यक्षा गिरजा चौधरी प्रतिनिधि एवं पूर्व पालिकाध्यक्ष बिजय चौधरी ने बताया कि प्रदेश सरकार को उरई नगर के लोग अकेले करोड़ो का राजस्व देते है। यहां सुविधाएं नहीं हैं फिर भी उद्यमी हो या व्यापारी या समाज के किसी भी वर्ग का हौसला किसी चट्टान से कम नहीं है। उरई नगर में उद्यमी हर साल करोड़ो का राजस्व केन्द्र व प्रदेश सरकार के सरकारी खजाने में जमा करते हैं। साथ ही शहरी विकास मंत्रालय ने स्मार्ट सिटी के लिए जो मानक तय किए हैं, वह सभी उरई नगर पालिका ने पूरे किए हैं। यही कारण रहा कि स्मार्ट सिटी के रूप में उरई का चयन हुआ। उन्होंने बगैर नाम लिए कहा कि कुछ लोग वाहवाही लूटने के लिए सोशल मीडिया पर अपने आप को सूरमा बता रहे है। जबकि हकीकत यह है कि उरई नगर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलाने के लिए पालिका चेयरमैन गिरिजा चौधरी के प्रयास पर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह व नगर विकास मंत्री एके शर्मा जी के द्वारा उरई नगर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलवाया गया है।