विद्यालय मैं शिक्षा नहीं बच्चों की भविष्य से हो रहा खिलवाड़ जिगना प्राथमिक विद्यालय की हकीकत

विद्यालय मैं शिक्षा नहीं बच्चों की भविष्य से हो रहा खिलवाड़ जिगना प्राथमिक विद्यालय की हकीकत

निष्पक्ष जन अवलोकन। संवाददाता रुबीना खातून । जनपद बलरामपुर के शिक्षा क्षेत्र पचपेड़वा अंतर्गत ग्राम पंचायत जिगना स्थित प्राथमिक विद्यालय की स्थिति आज बदहाल है। शिक्षा का मंदिर कहलाने वाला यह विद्यालय, अब केवल नाम का विद्यालय बनकर रह गया है। यहां पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकार में डूबता नजर आ रहा है। एक मीडिया टीम द्वारा जब विद्यालय का निरीक्षण किया गया तो चौंकाने वाले हालात सामने आए। कक्षा 5 में पढ़ने वाला छात्र अमरेश न तो अपने ब्लॉक का नाम जानता है, और न ही यह बता पाया कि वह किस जनपद में रहता है। यही नहीं, दूसरे छात्र मनीष, जो कक्षा 5 में ही पढ़ता है, उसे 100 तक गिनती तक नहीं आती। जब उससे सवाल किया गया कि वह कहां रहता है, तो केवल गांव का नाम ही बता पाया, बाकी कुछ भी ज्ञान नहीं था। इन बच्चों की इस स्थिति के पीछे जिम्मेदार कौन है? जानकारी के अनुसार विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक आशुतोष कुमार वर्मा माह में मुश्किल से दो बार विद्यालय आते हैं। उनका आना भी सिर्फ हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने के लिए होता है। बच्चों को पढ़ाना तो दूर, वे विद्यालय में समय तक नहीं बिताते। वहीं सहायक अध्यापक प्रवीण कुमार भी केवल औपचारिकता निभा रहे हैं। विद्यालय की पूरी व्यवस्था केवल शिक्षा मित्र मीना देवी के भरोसे चल रही है। लगभग 20 बच्चे इस विद्यालय में नियमित रूप से आते हैं, लेकिन पढ़ाई नाममात्र की होती है। बच्चों को न तो मूलभूत गणित का ज्ञान है और न ही सामान्य जानकारी। ऐसी हालत में ये बच्चे न आगे चलकर प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं, न ही समाज में अपनी जगह बना सकते हैं। शिक्षा विभाग की लापरवाही और जिम्मेदार शिक्षकों की बेरुखी ने इन मासूम बच्चों का बचपन छीन लिया है। यह न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है बल्कि समाज और प्रशासन के लिए एक करुण पुकार है कि समय रहते कार्रवाई की जाए। यदि अब भी इन शिक्षकों पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में यह पूरा क्षेत्र अशिक्षा की गर्त में समा जाएगा।