वैश्वीकरण से ग्रामीणों की जीवन शैली है प्रभावित

निष्पक्ष जन अवलोकन
प्रमोद सिन्हा
गाजीपुर। एकल व्याख्यानमाला कार्यक्रम के अंतर्गत स्नातकोत्तर महाविद्यालय मलिकपूरा के समाजशास्त्र विभाग द्वारा मंगलवार को एकल व्याख्यान कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. दिवाकर सिंह के निर्देशन एवं संरक्षकत्व व समाजशास्त्र विभाग के प्रभारी डॉ. सुघर सिंह राजपूत के संयोजकत्व में *'वैश्वीकरण का ग्रामीण समाज पर प्रभाव एवं चुनौतियां'* विषयक कार्यक्रम के मुख्य वक्तापी.जी. कॉलेज गाजीपुर के सहायक प्राध्यापक डॉ. पंकज कुमार यादव रहे। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सर्वेश पाण्डेय की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में विषय की प्रारंभिक रूपरेखा विभाग प्रभारी डॉ. सुघर सिंह राजपूत ने प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता पंकज कुमार यादव ने वैश्विक परिदृश्य में वैश्वीकरण की अवधारणात्मक पक्ष को व्याख्यायित करते हुए कहा कि वैश्वीकरण का सम्बन्ध केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक भी है। भारतीय संस्कृति और वसुधैव कुटुंबकम् की महत्ता का उल्लेख करते हुए उन्होंने भारतीय ग्रामीण समाज के विभिन्न पहलुओं जैसे- संस्कृति, शिक्षा, व्यापार एवं कृषि इत्यादि पर जानकारी देते हुए उसके प्रभाव एवं चुनौतियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण ने ग्रामीण क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं जिससे ग्रामीण उत्पादों की बिक्री बढ़ने से ग्रामीणों की आय में वृद्धि हुई है। इसने जहां पश्चिमी जीवन शैली को लोकप्रिय बनाया है वही ग्रामीणों की पारंपरिक जीवनशैली और सांस्कृतिक मूल्यों का ह्रास कर आर्थिक असमानता को बढ़ावा दिया है। इसे उन्होंने उदाहरण के साथ छात्र-छात्राओं को समझाया। इससे पूर्व महाविद्यालय परिवार द्वारा मुख्य वक्ता एवं मंचासीन पदाधिकारियों को स्मृति चिह्न देकर कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुघर सिंह राजपूत, डॉ. दीपक कुमार यादव, डॉ. चन्दन व डॉ. शमशुल कमर ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में सभी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी तथा छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शिव प्रताप यादव एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. दीपक कुमार यादव ने किया।