विकासखंड गैसड़ी में मनरेगा फर्जीवाड़ा, 66 मजदूरों के नाम पर चल रहा कागजी खेल

निष्पक्ष जन अवलोकन। जनपद बलरामपुर के विकासखंड गैसड़ी अंतर्गत ग्राम पंचायत त्रिकौलिया में मनरेगा कार्य में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहाँ पर कुल 7 मास्टर रोल तैयार किए गए हैं, जिनमें 66 मजदूरों के नाम दर्ज हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह मजदूर केवल कागजों में ही मौजूद हैं, मौके पर न तो कोई कार्य हो रहा है और न ही मजदूर दिखाई दे रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत स्तर पर मनरेगा योजना का दुरुपयोग कर सरकारी धन की खुली लूट हो रही है। मजदूरों के नाम पर भुगतान निकाल लिया जाता है, जबकि वास्तविकता में कार्य स्थलों पर कोई गतिविधि नहीं होती। इससे ग्रामीण बेरोजगार और ठगा महसूस कर रहे हैं। जब इस मामले पर बीडीओ गैसड़ी से दूरभाष के माध्यम से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कॉल की घंटी बजने के बाद कट गई, और आगे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इससे यह सवाल और गहरा हो गया है कि आखिर पंचायत स्तर पर चल रहे इस फर्जीवाड़े की जिम्मेदारी कौन लेगा और दोषियों पर कार्रवाई कब होगी। स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जिन अधिकारियों, कर्मचारियों तथा ठेकेदारों की मिलीभगत सामने आए, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो। यह केवल गरीब मजदूरों के अधिकारों की चोरी नहीं, बल्कि सरकार की जनकल्याणकारी योजना पर सीधा प्रहार है। ग्राम पंचायत त्रिकौलिया का यह मामला एक बार फिर से यह साबित करता है कि बिना पारदर्शिता और जवाबदेही के योजनाएँ सिर्फ कागजों में चलती रहेंगी, और लाभार्थी अपने हक से वंचित रहेंगे।