अतिवृष्टि से नही हो सकी खरीब की फसल की बुवाई,तंगहाली भरा जीवन काटेंगे किसान

अतिवृष्टि से नही हो सकी खरीब की फसल की बुवाई,तंगहाली भरा जीवन काटेंगे किसान

निष्पक्ष जन अवलोकन अनिल खटीक हमीरपुर। बुंदेलखंड के किसान दैवीय आपदाओं के कारण कभी सूखा जैसे हालात कभी अतिवृष्टि तो कभी ओलावृष्टि का वर्षो से शिकार होता रहा है जिससे यहां का किसान तंगहाली जैसा जीवन ब्यतीत करने को मजबूर है इतना ही नही यहाँ का किसान कभी कभी ऐसा मजबूर होता है कि वह आत्महत्या जैसे कदम उठा लेता है।रोजगार की बात करे तो यहाँ के किसानों का एक मात्र साधन खेती है जिसको कर किसान अपना व अपने परिवार का भरण पोषण कर गुजर बसर करते है बुंदेलखंड ऐसी जगह है जहाँ पर कोई रोजगार परख साधन भी नही है जिस कारण यहाँ के युवा व किसान तथा मजदूर रोजगार की तलास में दिल्ली, महाराष्ट्र ,पंजाब ,जैसे महानगरों की ओर पलायन कर है ।सरकार द्वारा लोगो बुंदेलखंड में रोजगार के दृष्टिगत रोजगार गारंटी योजना जरूर संचालित है जो मजदूरों को रोजगार तो उपलब्ध नही कराती बल्कि मजदूरों को रोजगार देने के लिए आने वाली धनराशि बंदरबांट हो जाती है।इस वर्ष बुंदेलखंड में जून जुलाई माह में होने वाली खरीब की फसलों की बुवाई दैवीय आपदा अति वृष्टि के कारण बुबाई नही हो सकी।जिस कारण यहाँ का किसान अत्यंत परेशान है।बुंदेलखंड के जनपद हमीरपुर के मुख्यालय सहित राठ ,मुस्करा,सरीला,मौदहा,कुरारा,के किसानों ने बताया कि खरीब की फसल खेती में अत्यंत सहयोगी होती है यही फसल है जो किसानो की पूंजी को बढ़ाती है।खरीब की फसल की बजार में विक्री करने औऱ उससे होने वाली आमदनी से किसानी में होने वाले खर्च में हाथ बटाती है जिससे रवि की फसल का कुछ अंश बचने से किसान की पूंजी बनाने में मदद गार होती है।किसानों ने बताया कि बुंदेलखंड में मात्र दो फसली खेती ही होती है।किसानों ने बताया कि इस वर्ष जब से मानसून आया है तब से इतनी अति वृष्टि हुई कि किसानों को जुताई बुबाई करने का मौका ही नही मिला जिस कारण किसानों के 95 प्रतिशत खेती बुबाई न होने से खेत खाली पड़े रहे।जिन 5 प्रतिशत किसानों ने बुवाई कर भी ली तो वह अन्ना पशुओं की भेंट चढ़ गई।किसानों ने कहा कि इस वर्ष किसानों की बुबाई न होने स्व परेशानी में डाल दिया है जिस कारण किसान 1साल तक तंगहाली का जीवन गुजर बसर करने को मजबूर होगा।।