यमुना के जलस्तर में वृद्धि से बाढ़ की स्थिति, प्रशासन सतर्क, बाढ़ चौकियां सक्रिय, नावें तैनात

निष्पक्ष जन अवलोकन।मनीष सिंह जादौन उरई (जालौन)। जनपद में यमुना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। तहसील कालपी, जालौन व माधौगढ़ क्षेत्रों से होकर बहने वाली यमुना नदी का जलस्तर 29 जुलाई को दोपहर 12 बजे कालपी केंद्र पर 106.370 मीटर दर्ज किया गया, जबकि जनपद में चेतावनी बिंदु 107 मीटर व खतरे का बिंदु 108 मीटर निर्धारित है। जलस्तर में और वृद्धि की संभावना को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार व अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) संजय कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया एवं संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। तहसील कालपी के दो गांव पड़री व रायड़दिवारा के संपर्क मार्गों पर पानी भरने से लगभग 500 की आबादी प्रभावित हुई है, हालांकि जनहानि या पशुहानि की कोई सूचना नहीं है। अन्य गांवों में अभी तक आबादी प्रभावित नहीं हुई है। प्रशासन द्वारा त्वरित राहत हेतु फसल व मकान क्षति का सर्वे कराया जा रहा है। जनपद में अब तक आवश्यकता के अनुसार 10 छोटी व 6 बड़ी नावें तैनात कर दी गई हैं। तहसील कालपी के 8, माधौगढ़ के 6 व जालौन के 5 गांवों में कृषि भूमि प्रभावित हुई है। नदी के किनारे बसे सभी गांवों में बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं, जिनमें खाद्यान्न, पीने का पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और पशुओं के लिए चारा व टीकाकरण की व्यवस्था की गई है। SDRF की टीम जनपद में उपलब्ध है। तहसीलों के उपजिलाधिकारी, राजस्व विभाग की टीमें तथा पंचायत राज, स्वास्थ्य, पशुपालन व पुलिस विभाग के अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर कैंप कर रहे हैं।