मां तारा शक्तिपीठ मंदिर में विश्व कल्याणार्थ हुआ वैदिक मंत्रोच्चारण से हवन

निष्पक्ष जन अवलोकन। । शिवसंपत करवरिया। चित्रकूट।खगड़िया मां तारा शक्तिपीठ मंदिर में अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक केन्द्र के संस्थापक डॉ अरविन्द वर्मा ने धनबाद (झारखंड) से पधारे पंडित मुकेश मिश्रा, अयोध्या (यूपी) से पधारे पंडित राजकुमार शास्त्री के सान्निध्य में सर्वमंगल कामना एवं विश्व कल्याणार्थ पूजन और हवन वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया। मौके पर उपस्थित मीडिया से पंडित मुकेश मिश्रा ने कहा मां देवी तारा, दस महाविद्याओं में से एक, पार्वती का ही एक रूप हैं। उन्हें ज्ञान और मोक्ष प्रदान करने वाली देवी माना जाता है और नील सरस्वती के रूप में भी जाना जाता है। उन्हें अवलोकितेश्वर के आंसुओं से उत्पन्न माना जाता है और तारिणी (संसार के बंधनों से मुक्त कराने वाली) के रूप में पूजा जाता है।देवी तारा की उत्पत्ति और महत्व के बारे में उन्होंने कहा देवी तारा हिंदू धर्म में दस महाविद्याओं में से दूसरी हैं। उन्हें देवी पार्वती का एक रूप माना जाता है। तारा देवी के कई रूप हैं, जिनमें एकजटा, उग्रतारा और नील सरस्वती शामिल हैं। अयोध्या (यूपी) के पंडित राजकुमार शास्त्री ने हवन के दौरान कई मंत्रों का पाठ भी किया। हवन कुंड में डॉ अरविन्द वर्मा और स्वामी अशोक खंडेलिया ने हवन किया जबकि आरती नीरज कुमार ने किया।