मां विंध्यवासिनी मेडिकल कॉलेज को यूपी के शीर्ष 10 में लाने की प्रतिबद्धता, 6 माह में उल्लेखनीय प्रगति

निष्पक जन अवलोकन। मनोज अग्रहरी। मीरजापुर | मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजीव कुमार सिंह ने अपने 6 माह के कार्यकाल के अवसर पर पत्रकारों से वार्ता के दौरान बताया कि उनका लक्ष्य इस संस्थान को उत्तर प्रदेश के शीर्ष 10 मेडिकल कॉलेजों में शामिल करना है। इसके लिए स्नातकोत्तर (पीजी) स्तर पर शिक्षा का विस्तार, उच्च स्तरीय सेमिनारों का आयोजन, और ग्रामीण क्षेत्रों में मेडिकल छात्रों को प्रशिक्षण के लिए भेजने की योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। डॉ. सिंह ने 12 नवंबर 2024 को कार्यभार संभालने के बाद की उपलब्धियों की 25 बिंदुओं वाली सूची प्रस्तुत की। स्वशासी कॉलेजों में यह संस्थान पहले स्थान पर है, जहां आईपीएचएल लैब की स्थापना के साथ 92 प्रकार की जांच सुविधाएं शुरू हो चुकी हैं। आपातकालीन ट्रॉमा सेंटर को और बेहतर किया गया है, साथ ही एमबीबीएस छात्रों के लिए 33 सीटों वाली बस की व्यवस्था की गई है। जिलाधिकारी ने 45 सीटों वाली एक अतिरिक्त बस उपलब्ध कराने का वादा किया है। इन बसों का उपयोग छात्रों को ग्रामीण स्वास्थ्य अध्ययन के लिए ले जाने में होगा। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर संजीव कुमार सिंह ने प्रमुख उपलब्धियां और पहल के बारे में बताते हुए कहा कि 20 नए फैकल्टीज की स्थापना और असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती। एमएस और एमडी पाठ्यक्रमों का विस्तार। 24 घंटे आपातकालीन जांच, रैन बसेरा, कोल्ड व हीट वेब वार्ड, और सैंपल कलेक्शन सेंटर का उन्नयन। सीटी स्कैन, तीन पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीनें, दो लिफ्टों का नवीनीकरण, और 500 केवी सौर ऊर्जा पैनल की स्थापना। भैरव प्रसाद जायसवाल नेत्र अस्पताल का मेडिकल कॉलेज में समावेश। पीपीपी मॉडल पर अमृत फार्मेसी और अन्य सेवाओं का विस्तार। 7.5 एकड़ भूमि पर खेल मैदान और अन्य सुविधाओं की योजना।आगामी योजनाएं: 120 बेड वाला महिला अस्पताल। 300 छात्रों की क्षमता वाला एमबीबीएस छात्रावास। पीपीपी मॉडल पर सीटी स्कैन मशीन। पीजी पाठ्यक्रमों में तीन नए और दो मौजूदा विषयों का समावेश। चार ऑपरेशन थिएटर और एक बहुउद्देशीय हॉल।डॉ. सिंह ने जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन और केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के सहयोग की सराहना की। उन्होंने जोर देकर कहा कि मरीजों को सभी सुविधाएं यहीं प्रदान करने के लिए रेफरल प्रथा को कम करने पर ध्यान केंद्रित है, ताकि कॉलेज का स्तर और ऊंचा हो।