धनखरपुर हाटी पंचायत भवन में बुनियादी सुविधाएं प्रशासनिक उपेक्षा से ग्रामीणों में भारी आक्रोश

धनखरपुर हाटी पंचायत भवन में बुनियादी सुविधाएं प्रशासनिक उपेक्षा से ग्रामीणों में भारी आक्रोश

निष्पक्ष जन अवलोकन। बदरूजमा चौधरी। पचपेड़वा (बलरामपुर): विकासखंड पचपेड़वा की ग्राम पंचायत धनखरपुर हाटी में स्थित पंचायत भवन बदहाल स्थिति में वर्षों से उपेक्षा का शिकार बना हुआ है। इस भवन को ग्रामीणों की जरूरतों को पूरा करने और पंचायत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के संचालन हेतु बनाया गया था, लेकिन हकीकत यह है कि यह भवन अब केवल दीवारों और ताले का ढांचा बनकर रह गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए बताया कि पंचायत भवन में न तो किसी कर्मचारी की तैनाती है, न ही कोई कार्य होता है। वहां न कुर्सी है, न टेबल, न कोई जरूरी दस्तावेज, और न ही बिजली-पानी की व्यवस्था। साफ-सफाई की हालत इतनी खराब है कि भवन में बैठना भी मुश्किल है। भवन महीने में कभी-कभार खुलता है, वह भी औपचारिकता निभाने के लिए। ग्रामीणों का कहना है कि किसी प्रमाण पत्र, आय-जाति निवास, राशन कार्ड, पेंशन योजना या प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी जरूरी सेवाओं के लिए भी उन्हें कई किलोमीटर दूर ब्लॉक कार्यालय या जनसेवा केंद्रों का चक्कर काटना पड़ता है। पंचायत भवन का न होना, एक तरह से ग्रामीणों के अधिकारों से सीधी वंचना है। “जब सरकार गांव-गांव तक सुविधा देने का दावा कर रही है, तो पंचायत भवन जैसी मूलभूत व्यवस्था में इतनी लापरवाही क्यों?” यह सवाल अब गांव के हर नागरिक की जुबान पर है। ग्रामीणों ने बताया कि लाखों रुपये खर्च कर पंचायत भवन का निर्माण तो कर दिया गया, लेकिन इसके संचालन और रखरखाव के लिए न तो कोई कर्मचारी नियुक्त किया गया, न ही किसी जनप्रतिनिधि ने कभी इसकी सुध ली। ग्रामसभा के आयोजन सिर्फ कागजों पर: ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत भवन में ग्राम सभा की बैठकें भी केवल कागजों पर होती हैं। कई बार जब ग्रामीण पहुंचते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि "बैठक हो चुकी है।" जनहित से जुड़ी योजनाएं, विकास कार्य और बजट की जानकारी आम जनता को नहीं दी जाती। शिकायतों पर नहीं होती सुनवाई: ग्रामीणों ने कई बार संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। न तो कोई जवाब मिलता है और न ही कोई कार्रवाई होती है। लोगों में अब आक्रोश पनपने लगा है। ग्रामीणों की मांग: ग्रामीणों ने बलरामपुर जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मांग की है कि पंचायत भवन में स्थायी रूप से कर्मचारी की नियुक्ति की जाए, वहां आवश्यक फर्नीचर, बिजली, पानी, दस्तावेजों का रखरखाव और डिजिटल सेवा केंद्र की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। यदि समय रहते इस दिशा में कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने पंचायत भवन के बाहर धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है। उनका कहना है कि वे अब चुप नहीं बैठेंगे और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे। सरकार से सवाल: ग्राम पंचायतों को मजबूत करने के नाम पर हर साल करोड़ों की योजनाएं चलाई जाती हैं, लेकिन धनखरपुर हाटी पंचायत भवन की बदहाली इन दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि कब जागते हैं और इस जमीनी हकीकत को बदलने की पहल करते हैं।