बीएलओ ड्यूटी से मुक्त करने की मांग लेकर पहुंचे शिक्षकों का एसडीएम ने नहीं लिया ज्ञापन, तो स्टेनो के पास छोड़ आए शिक्षक

बीएलओ ड्यूटी से मुक्त करने की मांग लेकर पहुंचे शिक्षकों का एसडीएम ने नहीं लिया ज्ञापन, तो स्टेनो के पास छोड़ आए शिक्षक

निष्पक्ष जन अवलोकन। मनीष सिंह जादौन कोंच(जालौन)।बीएलओ कार्य से मुक्त करने की लंबे समय से चलती आ रही अपनी मांग को लेकर कोंच और नदीगांव ब्लॉक के शिक्षक एसडीएम को ज्ञापन देने पहुंचे लेकिन एसडीएम ने उनकी एक नहीं सुनी जिसके चलते शिक्षक अपना ज्ञापन स्टेनो के पास छोड़ आए। दरअसल, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के अलावा निर्वाचन संबंधी अन्य कार्य बीएलओ को करने होते हैं। इस काम में हालांकि अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी लगाया गया है लेकिन ज्यादा संख्या में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक लगाए गए हैं। मंगलवार को तहसील में सभी बीएलओ को अपनी ड्यूटियां लेने के लिए बुलाया गया था। ड्यूटियां रिसीव करने के साथ लगे हाथ बड़ी संख्या में शिक्षक एक ज्ञापन टाइप कराकर एसडीएम ज्योति सिंह के पास पहुंचे और बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन उन्हें देने की कोशिश की लेकिन उन्होंने शिक्षकों को चलता कर दिया। ऐसी स्थिति में शिक्षकों ने तहसीलदार को ज्ञापन देने का प्रयास किया लेकिन वो मिले नहीं सो थक-हार कर उन्होंने एसडीएम के स्टेनो के पास ज्ञापन छोड़ दिया और चले गए। इस दौरान अखिलेश व्यास, विवेक कुमार, अभिषेक नायक, राजीव कुमार, जसवंत सिंह, शैलेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार, गजेंद्र सिंह, गौरव अग्रवाल, प्रेरणा पटेल, विभांशु, शांतम कपूर, ओमप्रकाश, दिनेश नामदेव सहित तमाम शिक्षक मौजूद रहे। *इन मांगों को लेकर एसडीएम के पास गए थे शिक्षक* कोंच(जालौन)।जिस आधार पर शिक्षक बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त होना चाहते हैं उसके पीछे उनके तर्क हैं कि ऐसी महिलाओं की भी ड्यूटी लगाई गई है जिनके छोटे-छोटे बच्चे हैं। तमाम विद्यालय ऐसे में जिनमें जितने शिक्षक पढ़ाते हैं, सभी की ड्यूटी लगाई गई है। जिन अध्यापकों की ड्यूटी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में लगाई गई थी उनकी पंचायत चुनाव में भी लगाना गलत है। तैनाती के इतर तमाम शिक्षकों की ड्यूटी दूसरे गांवों में भी लगाई गई है। जबकि गांव में पंचायत मित्र, पंचायत सहायक, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, लेखपाल, सचिव आदि कर्मचारी शासन के पास पहले से हैं, फिर भी अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है जो उच्च न्यायालय के आदेशानुसार गलत है।