जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ₹50 लाख से अधिक लागत वाले निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।
निष्पक्ष जन अवलोकन। । शिवसंपत करवरिया। चित्रकूट।जिलाधिकारी पुलकित गर्ग की अध्यक्षता में ₹50 लाख से अधिक लागत वाले निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। बैठक में लोक निर्माण विभाग (भवन खंड), उत्तर प्रदेश सेतु निगम (बांदा), सीएनडीएस, यूपीपीसीएल, आवास विकास परिषद (बांदा), वन विभाग, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड (बांदा इकाई, चित्रकूट), उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड (चित्रकूट), यूपी सिडको, उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय), सिंचाई निर्माण खंड सहित विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं द्वारा जनपद में कराए जा रहे निर्माण कार्यों की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सीएनडीएस द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यों की प्रगति असंतोषजनक पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि जो ठेकेदार निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्य पूर्ण नहीं कर रहे हैं, उनके विरुद्ध ब्लैकलिस्टिंग की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही अपर जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी को निर्देशित किया गया कि इस संबंध में सीएनडीएस के मैनेजिंग डायरेक्टर को पत्र प्रेषित किया जाए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि लापरवाही बरतने वाले संबंधित व्यक्तियों का हैसियत एवं चरित्र प्रमाण पत्र निरस्त कराने की कार्यवाही की जाए। जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय रामायण मेला परिसर में की जा रही इंटरलॉकिंग की गुणवत्ता को अत्यंत खराब बताते हुए नाराजगी जताई तथा निर्देश दिए कि कार्य में समुचित डिजाइन एवं गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने यूपीपीसीएल को निर्देशित किया कि जिन कार्यों को पूर्ण कर लिया गया है, उनका शीघ्रता से हैंडओवर किया जाए। उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अंतर्गत किए जा रहे प्रकाश व्यवस्था के कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि केवल वॉर्म लाइट्स का प्रयोग किया जाए, जो नेत्रों के लिए अनुकूल हों। चर मंदिरों के सौंदर्यीकरण के संबंध में उन्होंने निर्देश दिया कि संबंधित तहसील के उप जिलाधिकारी के माध्यम से टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कराकर कार्य का विधिवत हस्तांतरण कराया जाए। परिक्रमा मार्ग पर निर्मित की जा रही नालियों के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि कार्य को शीघ्र पूर्ण कराया जाए, क्योंकि श्रद्धालुओं को परिक्रमा में असुविधा हो रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नालियों का निर्माण केवल पहाड़ी जल निकासी के उद्देश्य से किया जा रहा है तथा निर्माण के दौरान सड़क पर मलवा न फैलने दिया जाए और उसे निरंतर हटाया जाए। बैठक के अंत में जिलाधिकारी ने सभी कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि समस्त निर्माण कार्य शासन की मंशा के अनुरूप, समयबद्ध एवं उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी देवी प्रसाद पाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।